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मुआवजे में गडबडी को लेकर फिर सुर्खियों में आया गरियाबंद जिला

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Aug 25, 2018

पुरूषोत्तम पात्रा : अब तक किडनी की बीमारी से मौतो के कारण सुर्खियों में रहा गरियाबंद जिले का सुपेबेडा गांव एक बार फिर सुर्खियों में है, मगर इस बार किसी मौत के कारण नही बल्कि अब तक हुई मौतो और उनके उतराधिकारियों को मिलने वाले मुआवजे में गडबडी को लेकर सुर्खियों में आया है, मुआवजे से वंचित एक महिला ने खुद को मुआवजे का हकदार बताते हुए इस पुरे मामले का खुलासा किया है।

बता दें महिला सुपेबेडा की सुमति बाई है, सुमति बाई का आरोप है कि वह अपने मां बाप की इकलौती वारिस होने कारण किडनी से उनकी मौत के बाद शासन से मिलने वाले मुआवजे की हकदार है मगर गॉव के कुछ लोगो ने मुआवजा राशि की लिस्ट से उसका नाम हटवाकर उसके चाचा का नाम लिस्ट में डाल दिया है, उनका कहना है कि इससे पहले मुआवजे के तौर पर उसे 20 हजार मिल चुके है, मगर अब जब 50 हजार दोबारा जारी हुए तो गॉव के लोगो ने लिस्ट से उसका नाम हटाकर उसके चाचा का नाम डाल दिया, 

सुमति बाई ने बताया कि वह अकेली ऐसी पीडित नही है जिसके साथ गॉव के लोगों ने नाइंसाफी की हो बल्कि उऩ्होंने गॉव के कई ओर लोगो के नाम उजागर किये है जिनका नाम मुआवजा लिस्ट में जबरन डाल दिया गया है, पंचायत सचिव भी सुमति की बात को स्वीकार कर रहा है, मगर ग्रामीणों के सामने खुद को बेबस बता रहा है, सुमति ने कलेक्टर से लिखित शिकायत करते हुए पुरे मामले की जॉच की मांग की है।

सुपेबेडा गांव पिछले ढाई साल से लगातार किडनी मरीजों की मौत के कारण सुर्खियों में है, किडनी की बीमारी से अब तक कितनी मौतें हो चुकी है इसका सही जवाब ना तो सरकार के पास है और ना ही ग्रामीणों के पास, स्वास्थ्य विभाग 65 लोगो की मौत किडनी की बीमारी से होने की बात स्वीकार कर रहा है, जबकि ग्रामीण 96 लोगो की मौत होना बात रहे है, सरकार ने ग्रामीणों की बात मानते हुये सभी 96 मृत परिवारों को पहले 20-20 हजार मुआवजा दिया और अब 50 हजार प्रति परिवार मुआवजा दे रही है, मगर किडनी की बीमारी से हुयी मौत की संख्या और मुआवजे को लेकर उत्पन्न हुये विवाद के बाद जिला कलेक्टर ने पुरे मामले की जॉच के आदेश दे दिये है।