Oct 24, 2018
संदीप सिंह ठाकुर : एक ओर सरकार कर्ज माफी की बात करती है वहीं दूसरी ओर छतीसगढ़ के किसान सूखे की मार झेल रहे आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है। ताजा मामला लोरमी के एक किसान का है जिसने एक प्राइवेट बंधक बैंक से खेती का कार्य करने 40 हजार रुपये का कर्ज़ लिया था लेकिन दुर्भाग्य से इस वर्ष भी मुंगेली इलाके में कम वर्षा के चलते आकाल की स्थिति निर्मित हो गई है पानी नहीं गिरने से बैगा के खेत में फसल नही हुई और जो थोड़ी बहुत थी वो भी पानी की कमी चलते बर्बाद हो गई।
जिससे टिंगीपुर निवासी राष्ट्रपति दत्तकपुत्र श्याम सिंह बैगा परेशान रहता था और इस बात को लेकर चिंतित रहता था की बैंक से लिए हुए कर्ज की अदायगी वो कैसे करेगा यही बात उसके मन में चलती रही और अपनी पत्नी से इस बात का जिक्र भी उसने किया, जब श्याम सिंह बैगा बहुत ही ज्यादा हताश और परेशान हो गया तो देर रात उसने कीटनाशक दवा पीकर अपनी जान दे दी। सुबह परिजनों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी पुलिस ने मर्ग कायम कर लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सरकार राष्ट्रपति दत्तकपुत्र बैगा आदिवासियों के लिए इतनी योजनायें चला रही है लेकिन क्यों इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति को नही मिल पाता कहीं न कहीं सिस्टम में बैठे लोग ही इसके जिम्मेदार है। जो सरकार की योजना का लाभ गरीब किसानों को नही मिल पा रहा है।