Jun 2, 2017
रायपुर। नक्सली घटनाओं के डर से 12 साल से बंद बस्तर की नारायणपुर उपजेल फिर से खुल गई है। यहां जेलर समेत अन्य स्टाफ की नियुक्ति व उनके लिए क्वार्टर अलॉट कर दिए गए हैं। इससे पहले फरवरी में सुकमा की बंद उपजेल खोली गई थी। इसे नक्सल प्रभावित इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों की प्रभावी उपस्थिति का परिणाम माना जा रहा है। हालांकि अभी इन जेलों में साधारण अपराधियों को ही रखा जाएगा, लेकिन आने वाले दिनों में और पुख्ता सुरक्षा के साथ अन्य अपराधी भी रखे जाएंगे।
नक्सली कहीं हमला न कर दें, इस आशंका से जेल प्रशासन ने 2005 में दोनों उपजेलों को बंद कर दिया था। इन जेलों के बंदियों को दंतेवाड़ा और कोंडागांव की उपजेलों में शिफ्ट किया गया था। उस समय खुफिया रिपोर्ट मिली थी कि नक्सली इन जेलों को निशाना बना सकते हैं। अब सुरक्षा बलों की पर्याप्त संख्या में तैनाती और नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के बाद यह माना जा रहा है कि अब ऐसी घटना होने की आशंका नहीं है। डीआईजी जेल केके गुप्ता ने बताया कि फरवरी में सुकमा की उपजेल को खोलने के साथ बीजापुर में नई उपजेल खोली गई। अब नारायणपुर जेल को खोलकर जगदलपुर जेल से 60 बंदियों की शिफ्टिंग यहां की जा रही है।
जेल प्रशासन प्रदेश में 4 और उपजेल खोलने की तैयारी कर रहा है। कोंडागांव, बलरामपुर, प्रतापपुर और भाटापारा में जेल के लिए जमीन चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कोंडागांव में 200 और अन्य 3 स्थानों में सौ-सौ बंदियों की क्षमता वाली जेल बनाई जाएगी। हर जेल के निर्माण के लिए ढाई से तीन करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत है। भाटापारा, कोंडागांव में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन जेल का निर्माण करेगा। बाकी जेल पीडब्ल्यूडी बनाएगा। उन्होंने बताया कि 5 सेंट्रल जेल समेत प्रदेश में कुल जेलों की संख्या 33 हो गई है।