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हाथियों के आतंक ने ग्रामीण दहसत में, रात में घर छोड़ कर जा रहे मह्फुस जगह पर

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Jul 2, 2018

सरगुजा जिले के मैनपाट वन परिक्षेत्र के बरिमा गावं में पिछले सप्ताह भर से 11 हाथियों के दल रात में जमकर उत्पात मचा रहे है जंगली हाथियों ने अब तक 40 से 50 घरों को तोड़ कर घर में रक्खे अनाज को भी नुकसान पहुचाया है इस वजह से ग्रामीण इतने दहसत में है की शाम होते ही लोग अपना घर छोड़कर किसी मह्फुस जगह में चले जाते है।

चावल से बनाने वाले शराब के कारण आ रहे हाथी

दरअसल धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू वन परिक्षेत्र के जंगल में रहने वाले हाथी सूरज ढ़लते ही जंगल से लगे मैनपाट वन परिक्षेत्र के बरिमा बस्ती पहुंच जाते है और रात भर बस्ती में तबाही मचाने के बाद सुबह होते ही हाथियों का यह दल पुनः जंगल की ओर चले जाते है वही वन क्षेत्राधिकारी की माने तो ग्रामीणों द्वारा चावल से बनाने वाले शराब की वजह से बस्तियों में हाथी के आने की वजह मानी जा रही है वन क्षेत्राधिकारी द्वारा लोगों को समझाई देने की बात भी कही जा रही है।

ग्राम पंचायत के द्वारा ग्रामीणों को लिए कराई गई व्यवस्था

ग्रामीणों द्वारा कहा जा रहा है की वन विभाग के द्वारा हाथियों को खदेड़ने के लिय कोई ब्यापक कदम नही उठाया जा रहा है ग्रामीणों ने कहा की वन बिभाग के लोग आते है व सड़क पर से ही घूम कर गाडी से वापस चले जाते है वही स्थानीय जन प्रतिनिधि की माने तो क्षेत्र को हाथी प्रभावित क्षेत्र तो घोषित कर दिया गया है पर प्रशासन की ओर से हाथियों से बचाव के लिए कोई भी ठोस कदम नही उठाया जा रहा है वन विभाग के द्वारा न तो टार्च दी गई है न ही अन्य समान दिया गया है स्थानीय जन प्रतिनिधि ने बताया की ग्राम पंचायत के द्वारा ग्रामीणों के खाने व रुकने की व्यवस्था करा दी गई है।

वन विभाग पर उठ रहे सवालिया निशान

वादें और दावें अपने अपने है पर जमीनी हकीकत यह है की वन विभाग की ओर से हाथियों के आतंक से बचाव के लिए कोई ठोस व्यवस्था नही की गई है हाथी जंगल से बस्ती की तरफ न आये उसके लिए हाथी विकर्षण बेरिकेटिंग व गड्ढे तो किये गये है पर उसके बाद भी जंगलों से हाथियों के बस्ती में आ जाने से वन विभाग के द्वारा किये गये काम पर सवालिया निशान लगाये जा रहे है।