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कोयला खदानों में कार्यरत कंपनियों द्वारा शोषण, मजदूरों को मूलभूत सुविधाओं से भी किया वंचित

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Feb 18, 2019

मनोज कुमार यादव- कर्मचारियों के शोषण को लेकर यह मामला सामने आया है। खबर है एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में ओवर बर्डन का काम करने वाली बीजीआर कंपनी की। जो अपने कर्मचारियों का कर रही है शोषण। कंपनी पॉलिसी के अनुसार तमाम कर्मचारियों का वेतन बढ़ जाना चाहिए था, मगर कंपनी के अफसर कर्मियों को गुमराह कर रहे हैं। वेतन वृद्धि करना तो दूर उन्हें मूलभूत सुविधा से भी वंचित कर दिया गया है। इस बात से नाराज़ करीब 450 कर्मचारी काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं।

नियम के तहत वेतन नहीं दिया जा रहा, कर्मचारियों को कर रहे गुमराह

कुसमुंडा खदान में गोवर्धन का काम करने वाली बीजीआर कंपनी के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। शिकायत है कि कंपनी द्वारा नियम के तहत वेतन नहीं दिया जा रहा है। एसईसीएल की कोयला खदानों में विभिन्न निजी कंपनियों द्वारा काम किया जा रहा है। इसके लिए स्थानीय कर्मचारी व मजदूरों को नियोजित किया गया है। मगर उन कर्मचारियों को सुविधा मुहैया कराने में कोताही बरती जा रही है। दूसरी तरफ उनका यह भी आरोप है कि अन्य कंपनियों द्वारा समय के अनुरूप कर्मचारियों का वेतन वृद्धि कर दिया जाता है, मगर बीजीआर कंपनी के अफसर अपने कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं।

लघु शंका वह शौच के लिए मजदूरों को खुले मैदान में पड़ता है जाना

प्रारंभ से ही कंपनी द्वारा मजदूरों का शोषण किया जा रहा है वेतन वृद्धि तो दूर अपने कर्मचारियों को मूलभूत सुविधा देने में भी कंपनी कोताही बरत रही है। हैरानी की बात तो यह है कि कर्मचारियों के लिए परिसर में शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध नहीं की गई थी। पिछले दिनों में कंपनी द्वारा शौचालय का निर्माण किया गया था। मगर उस पर भी अब ताला डालने के साथ ही दरवाजे पर वेल्डिंग कर दिया गया है। अब तो आलम यह है कि कर्मचारियों को लघु शंका वह शौच के लिए खुले मैदान में जाना पड़ता है। मेहनतकश कर्मचारी किसी तरह इस समस्या का सामना तो कर लेते हैं मगर सही वेतन नहीं मिलने से उनकी माली हालत खराब होती जा रही है।

कंपनी के इस रवैए से खासे परेशान हैं मजदूर

बीजीआर कंपनी में डोजर ऑपरेटर क्रेन ऑपरेटर वर्तमान मशीनों के संचालक ने कई बार उन्होंने अपनी मांग को लेकर प्रबंधन से पत्राचार किया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। वे कंपनी के इस रवैए से खासे परेशान हैं। अब यह लोग आरपार की लड़ाई लड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि कंपनी के कर्मचारी लामबंद होकर पिछले 24 घंटे से काम बंद हड़ताल पर चले गए हैं। हड़तालकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि जब तक कंपनी उनके खाते में बढ़ी हुई वेतन की राशि जमा नहीं करती, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। प्रदर्शनकारियों के इस प्रदर्शन से अब तक कोई असर तो सामने नहीं आया है, मगर निश्चित तौर पर कंपनी को नुकसान झेलना पड़ रहा है। देखना होगा कि कर्मचारियों की सेवा का कंपनी प्रबंधन पर कितना असर पड़ता है