Loading...
अभी-अभी:

महासमुंदः हाथियों के आंतक से किसान परेशान, आला अधिकारियों की लापरवाही

image

May 1, 2019

रेखराज साहू- बीते चार सालों में हाथियों ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को उतारा मौत के घाट। ऐसा ही मामला फिर से सामने आया है। बीती रात अपने खेत की रखवाली कर रहे एक किसान को हाथी ने पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया और तीन लोगों ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। इस हादसे के बाद जहां ग्रामीणों में आक्रोश है, वहीं वन विभाग के आला अधिकारी वही रटारटाया राग अलाप रहे हैं। इन दिनों फसल से भरपूर हरे भरे खेत लहलहाते नज़र आ जाते हैं। किसान कांशीराम के खेत में भी फसले लहलहा रही हैं और अपनी फसलों की रखवाली के लिए ही कांशीराम अक्सर खेत में ही रहता था, जिसे बीती रात हाथी ने पटक-पटक के मौत के घाट उतार दिया है।

मृतक मचान पर अपने दोस्तों के साथ बैठ कर रहा था खेत की रखवाली

आप को बता दें कि ग्राम परसाडीह के किसान कांशीराम यादव उम्र 46 वर्ष अपने खेतों में धान की फसल लगाये हुये है और उन्हीं फसलों की रखवाली के लिए अपने खेत में एक मचान बनाये थे। जहां पर बैठकर रखवाली करते थे। रोज की भांति कांशीराम तीन अन्य लोगों के साथ इसी मचान पर बैठे रखवाली कर रहे थे। तभी भोर के चार बजे एक टस्कर हाथी वहां से गुजरा और हाथी ने खेत में बने मचान को तोड दिया। जिस पर चार लोग सवार थे। मचान जैसे ही टूटा चारों लोग नीचे गिर गये। तीन लोग तो भागने में कामयाब हो गये, पर कांशीराम भाग नहीं पाया। हाथी कांशीराम को पचास मीटर तक पटकता ले गया। जिससें कांशीराम की मौके पर ही मौत हो गई।

जान बचाकर भागे लोगों ने जाकर गांव में बताया। उसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग व पुलिस को सूचना दी, पर सुबह दस बजे तक बीटगाड के अलावा एक भी वन अमला वहां नही पहुंचा था। जिसे लेकर ग्रामीणों में गुस्सा था और उन्होंने रेंजर को खूब सुनाया। ग्रामीणों का कहना है कि चार साल से हम लोग परेशान हैं, पर वन अमला कोई कारगर कदम नहीं उठा रहा है। 

वन विभाग के आला अधिकारी रटारटाया राग अलाप रहे

इस पूरे मामले में वन विभाग के आला अधिकारी जहां रटारटाया राग अलापे हुए मृतक के परिजन को तत्काल सहायता राशि 25 हजार रूपये देकर आगे की कार्यवाही कर रहे हैं। वहीं लोगों को मुनादी कर जागरूक करने और गजराज वाहन से लगातार पेट्रोलिंग करने की बात कर रटारटाया जवाब दे रहे हैं। अधिकारी मनुष्य और जानवरों के बीच के इस टकराव को रोकने का कोई उपाय बता पाने में असफल हैं।

गौरतलब है कि महासमुंद जिले में 52 गांव के हजारों ग्रामीण हाथी के आंतक से पिछले चार सालों से परेशान हैं। हाथियों ने इन चार सालों में 15 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है और 13 लोगों को घायल कर चुके हैं। साथ ही 52 गांव के 6491 किसानों के 988 हेक्टयेर की फसल को भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया है।