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धरसीवाः पंडित श्यामाचरण शुक्ल शासकीय महाविद्यालय असुविधाओं का शिकार

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Aug 18, 2019

सुरेन्द्र जैन- धरसीवां ब्लॉक मुख्यालय स्थित क्षेत्र का एकमात्र पंडित श्यामाचरण शुक्ल शासकीय महाविद्यालय भी इन दिनों असुविधाओं का शिकार है। साल 2010 से धरसीवां में 140 विद्यार्थियों से शुरू इस महाविद्यालय में अब करीब 1000 विद्यार्थी हैं, जिनमें सर्वाधिक अस्सी प्रतिशत ग्रामीण छात्रायें इस बात का प्रमाण हैं कि पूर्व में यहां शासकीय महाविद्यालय न होने से अधिकांश ग्रामीण गरीब मध्यम वर्ग की बेटियां बारहवीं के बाद पढाई छोड़ देती थी, लेकिन मुख्यालय में शासकीय कालेज आने के बाद से दस पन्द्रह किलोमीटर दूर के गांवों से भी अब आगे की पढ़ाई करने वहां छात्रायें साइकिलों से पहुंचती हैं। इस कॉलेज में समय-समय पर सीटें बढ़ाई तो गईं लेकिन वह भी अपर्याप्त ही साबित हुई हैं।

कम सीटें और ऑनलाइन प्रवेश के कारण स्थानीय छात्राओं को हो रही दाखिले में परेशानी

कारण यह है कि आसपास के क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों के सरकारी से प्रतिवर्ष सैंकड़ों छात्र छात्राएं बारहवीं उत्तीर्ण करते है, लेकिन कालेज में सीटें मात्र 80 हैं। ऑनलाइन के कारण बाहर से भी विद्यार्थी फार्म भरते हैं। ऐसे में क्षेत्र की बड़ी संख्या में गरीब मध्यम वर्ग की छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पाता। बीते साल भी सरकारी स्कूलों से बारहवीं पास करने वाली दर्जनों छात्राओं को प्रवेश नहीं मिला। तब उन्होंने प्रथम वर्ष के लिए प्रायवेट फार्म भरा तो कई ने पढाई छोड़ दी। जिन्होंने प्राइवेट फार्म भरकर फर्स्ट ईयर पास की है, उन्हें भी अब तक यहां सेकेंड ईयर के लिए नियमित छात्र के रूप में प्रवेश नहीं मिला है। हालांकि स्वराज एक्सप्रेस ने जब इस मामले को उठाया, तब महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक कौशल किशोर का कहना था कि यहां से जो भी पास प्रथम वर्ष के प्राइवेट या नियमित छात्र रहे हैं और पास किये हैं उन सभी को प्रवेश दिया जाएगा।

अपर्याप्त शिक्षक, कुव्यवस्था और फर्नीचर की कमी से बच्चे हो रहे प्रभावित

इस एकमात्र कालेज में गणित के टीचर की कमी बीते लंबे समय से बनी हुई है। वही इस साल हिंदी के टीचर का भी स्थानांतरण तो हो गया, लेकिन उनकी जगह कोई अन्य टीचर का यहां स्थानान्तरण नहीं हुआ है। जिसे हिंदी और गणित दोनों विषय की पढ़ाई प्रभावित होती है। एक ओर टीचर ऐसे हैं जो दिमागी रूप से अस्वस्थ हैं, इसलिए कॉलेज नहीं आते, वे कार्यरत हैं इसलिए किसी अन्य की व्यवस्था भी नहीं हो सकती। महाविद्यालय में पर्याप्त फर्नीचर की भी व्यवस्था नहीं होने से विद्यार्थी बमुश्किल बैठ पाते हैं। कुछ क्लास रूम में तो संख्या अधिक और फर्नीचर कम होने से विद्यार्थी खड़े होकर पढाई करते हैं। महाविद्यालय में सफाई कर्मियों के अभाव में गन्दगी भी बहुत रहती है, नियमित सफाई न होने से बाथरूम से बदबू आती है, स्वच्छ पेयजल की भी पर्याप्त व्यवस्था यहां नहीं दिखी। महाविद्यालय की इस इमारत को निर्मित हुए अभी कुछ साल ही हुए हैं लेकिन दीवारों में जगह-जगह दरारे पड़ चुकी हैं। छात्र छात्राओं और पूर्व छात्रों और धरसीवां के कांग्रेस नेता साहिल खान ने महाविद्यालय की सभी समस्याओं के शीघ्र निराकरण की मांग की है।