Mar 1, 2018
गरियाबंद। आज के आधुनिकता भरे दौर में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का एक गांव ऐसा है जहां लोग प्रकोप के डर से आज भी होली का पर्व नहीं मनाते हैं। केवल यहां के युवा और बच्चे होली पर्व मनाने दूसरे गांव जाते हैं।
अनहोनी के डर से नहीं मनाते पर्व...
दरअसल गरियाबंद जिले के खजूरपदर गांव के ग्रामीण किसी अनहोनी घटना के डर से एक लम्बे अरसे से होली का त्यौहार नहीं मनाते हैं। सुदूर वनांचल ग्राम के ग्रामीण आज भी आधुनिकता की चकाचौंध से परे होली के पर्व को लेकर काफी दहशत में हैं।
ग्रामीणों का कहना...
ग्रामीणों की माने तो एक लम्बे अरसे से इस गांव में होली का पर्व नहीं मनाने की नसीहत बड़े बुजुर्गो के द्वारा दी जाती है,क्योंकि होलीका दहन करने के साथ ही रंग गुलाल लगाकर होली का पर्व मनाने से देवी प्रकोप की आशंका रहती है। जिसके चलते किसी अनहोनी घटना का भय बना रहता है।
युवा और बच्चे जाते हैं दूसरे गांव...
यही वजह है की इस गांव में विगत 50 वर्षों से होली का पर्व नहीं मनाने की परंपरा रही है। प्रकोप के डर से आज भी यहां के ग्रामीण होली नहीं मनाते हैं। ग्राम के युवा व बच्चे समीप के गांव में सिर्फ पारम्परिक पर्व मनाने चले जाते हैं।