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कोरबाः सहारे को तरसती ज़िंदगी, वृद्धावस्था ने किया मजबूर

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Mar 26, 2019

मनोज कुमार यादव- ज़िंदगी तब तक बहुत अच्छी गुजरती है, जब तक व्य्कित मजबूर नहीं होता। ठीक इसके उल्टे मजबूर और असहाय होने पर स्वयं की ज़िंदगी भी जैसे बोझ बन जाती है। यही हाल हुआ एक वृद्ध बेसहारा और बीमार व्यक्ति का। कोरबा में बेसहारा बीमार बुजुर्ग को जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। वृद्ध सीतामढ़ी क्षेत्र में एक ठेले के अंदर रहकर गुजर बसर करता है।

चिकित्सालय से जबरन निकाल बाहर किया बीमार बुजुर्ग

जिला अस्पताल के चौखट पर बैठा वो बुजुर्ग जिसका नाम कालीचरण है, उसकी हालत हो देखते हुये लोगों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, मगर जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस वृद्ध को ये कहते बाहर का रास्ता दिखा दिया कि आप स्वस्थ हैं, आप को डिस्चार्ज किया जाता है। जब स्वराज एक्सप्रेस न्यूज के कैमरे में फुटेज कैद किया गया तो इसकी जानकारी एक समाज सेवी संस्था को भी लोगों ने दी। वो मौके पर फिर पहुंची और अस्पताल में मौजूद नर्स और स्टाफ से पूछताछ शुरू की। ण का जवाब था कि वो अपने से बाहर चले गए हैं, जबकि बुजुर्ग बेसहारा खुद के पैरों में चलने की हालत में ही नहीं हैं। फिर तत्काल उसे अस्पताल के स्टॉफ विल चेयर से वार्ड में लेकर पहुंचे और इलाज शुरू करने की बात कही। कालीचरण की माने तो जिला अस्पताल के स्टॉफ उसे जबरन बाहर निकाल के चौखट पर छोड़ घर का रस्ता दिखा दिए।

पत्नी के हत्या के मामले में 16 साल की सजा काट चुका है कालीचरण

जब न्यूज़ टीम सुबह फिर से कालीचरण का हाल जानने जिला अस्पताल पहुंची तो कालीचरण जिला अस्पताल से ही लापता मिला। उसके बताये हुए पते पर सीतामणी शनि मंदिर के पास जब हम पहुंचे तो कालीचरण का हालत देख आप भी यही कहेंगे की एक बुजुर्ग के साथ जो जिला अस्पताल प्रबंधन ने किया है वो बेहद निंदनीय है। कालीचरण ने एक खाली पड़े बंद ठेले के अंदर खुद को बंद कर रखा था। उसने बताया कि ठेला ही उसका घर है। जिला अस्पताल के स्टॉफ ने उसे फिर से बाहर का रस्ता दिखा कर बाहर कर दिया था। जब उसके ऊपर के एक युवक कि नज़र पड़ी तो उसे 100 रुपये दे कर ऑटो से उसके गंतव्य के लिए रवाना किया।

कालीचरण ने ये भी बताया कि वो मूलतः घुड़देवा निवासी है और उसकी पत्नी के हत्या के मामले में 16 साल सजा काट कर आया है। उसे कुछ ही साल हुए जेल से रिहा हुए। जब वो जेल से बाहर आया तो उसका परिवार तबाह हो चुका था। फिर उसने शनि मंदिर के पास अपना ठिकाना बनाया। समय का मारा कालीचरण का अब सहारा ऊपर वाला ही है जो उसे अपने शरण में रखा हुआ है। कालीचरण ने लोगों से मदद की अपील की है कि उसे किसी तरह से मदद कर उसकी जान बचा ले।