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माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के सबसे मजबूत स्तंभ ने तेलंगाना पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण

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Feb 14, 2019

वैभव शिव पाण्डेय - माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के सबसे मजबूत स्तंभ माने जाने वाले सदस्य सुधाकरण अपनी पत्नी नीलिमा के साथ हथियार डाल दिए हैं उन्होंने कुछ दिन पहले तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया आज तेलंगाना के डीजीपी महेन्द्र रेड्डी ने सुधाकरण और नीलिमा को मीडिया के सामने पेश कर प्रेसवार्ता की सुधाकरण ने बताया कि अब नक्सल नीति पहले जैसे नहीं रही है विचारधारा बदल गए हैं लिहाजा उन्होंने भी साथ छोड़ना ही बेहतर समझा।

नक्सलवाद हुआ बेहद कमजोर

उन्होंने बताया कि सरकार की विभिन्न नीतियों और प्रयासों का असर ये है कि अब नक्सलवाद बेहद कमजोर हो चला है छत्तीसगढ़ में दण्डकारण्य को छोड़ दे अन्य इलाकों में अब नक्सल टीम मजबूत नहीं है नक्सलियों की टीम में अब विचारधारा की टकराहट है वहीं सुधाकरण की पत्नी नीलिमा ने कहा कि नक्सलियों ने अपनी नीति बदली है इस नीति में महिलाओं के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है. कहीं-कहीं पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है टीम शामिल महिलाओं को जबरदस्ती शादी करने के साथ उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है यह सब मैं परेशान हो गई थी जिस नीति और सिंद्धांत के साथ काम होना चाहिए नहीं हो रहा था।

1 करोड़ का रखा इनाम

सुधाकरण छत्तीसगढ़ और झारखंड में माओवादियों का नेतृत्व करने वाले एक बड़ा नक्सली था सुधाकरण पर सरकार ने 1 करोड़ का इनाम जबकि उसकी पत्नी नीलिमा पर 25 लाख रुपये का इनाम था माओवादियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुधाकरण को ओगू सतवाजी, बुरयार, सुधाकर और किरण सहित कई नामों से जाना जाता है सुधाकरण और उसकी पत्नी बूढ़ा पहाड़ के कुख्यात 29 नक्सलियों में से एक थे नक्सली अरविंदजी की मौत के बाद सुधाकरण ही झारखंड-छतीसगढ़ में माओवादियों का नेतृत्व कर रहा था पुलिस के अलावा NIA को भी उसकी तलाश थी NIA ने सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा को भगोड़ा घोषित कर रखा था।