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डोंगरगढ़ः हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नगरपालिका अधिकारी आवारा पशुओं पर नहीं लगा रहे रोक

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Oct 16, 2019

नगर में आए दिन हो रहे आवारा पशुओं के कारण सड़क हादसे होते रहते हैं। विडंबना कुछ ऐसी है कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी नगरपालिका के अधिकारी इस ओर ध्यान देना जरूरी नहीं समझते। नगर के प्रमुख मार्ग जैसे खैरागढ़ सड़क हो या ओवर ब्रिज, जो शहर को हाई वे से जोड़ता है, उन पर खुले आम मवेशी घूमते या बीच सड़क पर बैठे नजर आएंगे, जो हादसों को दावत देते हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा एक जनहित याचिका में आदेश पारित कर नगरीय निकायों में घूमते मवेशियों को पकड़ कर उनके मालिकों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया गया था। जिसे दरकिनार कर स्थानीय प्रशासन अपनी ही मनमानी करने पर आमादा है।

तीन स्थानों पर गौठान निर्माण के लिए शासन से जमीन की मांग

शहर के इन मुख्य मार्गो पर कॉलेज और स्कूल भी हैं, जिनमें देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे पढ़ते हैं। जब मीडिया ने उनसे बात की तो उन्होंने अपनी व्यथा बताई और कहा कि उन्हें भी आए दिन सड़क दुर्घटना का डर सताता रहता है। एक तो सड़क पर दौड़ते तेज वाहन और उपर से बीच में घूमते मवेशी, समझ ही नहीं आता कि कहां जायें? ऐसे में क्या प्रशासन की यह नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करे और मानवता का परिचय देते हुए लोगों के मन में व्याप्त सड़क दुर्घटना के डर को दूर करे। अब अगर शहर में आवारा मवेशियों को मुख्य मार्गो से पालिका कर्मचारियों द्वारा लगातार हटाया जा रहा है, जिससे आवागमन सुचारू हो सके, तो साथ ही शहर में तीन स्थानों पर गौठान निर्माण के लिए जमीन की मांग शासन से की गई है।