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अम्बिकापुरः अम्बिकापुर मेडिकल कालेज को लेकर राजनीति गर्म

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Jul 8, 2019

राम कुमार यादव- अम्बिकापुर मेडिकल कालेज की बेहतरी के लिए कोई जिम्मेदार नेता कुछ काम करे, चाहे न करे, लेकिन मेडिकल कालेज को लेकर राजनीति करने में कोई पीछे नहीं हटता है। पिछले कुछ दिनो से ऐसा ही सुनने और देखने को मिल रहा है। दरअसल पिछले कुछ दिन पहले छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री और स्थानिय विधायक टी. एस. सिंहदेव ने जीरो ईयर घोषित किए जाने को लेकर केन्द्र सरकार पर सवाल उठाए थे, तो वहीं अब केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने इस पूरे मसले पर छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा कर मेडिकल कालेज के मुद्दे को और गर्म कर दिया है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया ने मेडिकल कालेज के मौजूदा साल को किया जीरो ईयर घोषित

अम्बिकापुर मेडिकल कालेज की स्थापना को 5 साल से अधिक समय बीत गया है। इन पांच वर्षो में मेडिकल कालेज में व्यापत अव्यवस्थाओं और सुविधाओं की कमी के कारण मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया ने मेडिकल कालेज के मौजूदा साल को जीरो ईयर घोषित कर दिया है। जिरो ईयर घोषित करने के काऱण पीएमटी पास करने वाले 100 बच्चे इस बार अम्बिकापुर मेडिकल कालेज में दाखिला नहीं ले सकेंगे। जिसको लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव और स्थानिय सांसद केन्द्रीय राज्य मंत्री दोनों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर अम्बिकापुर मेडिकल कालेज को जीरो ईयर से बचाने की अपील की थी। लेकिन तब तक जीरो ईयर के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गया था। लिहाजा अब केन्द्रीय राज्य मंत्री बनने के बाद पहली बार अम्बिकापुर पहुंची रेणुका सिंह ने छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री स्थानीय विधायक टी. एस. सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब एमसीआई ने मेडिकल कालेज में व्याप्त अव्यवस्थाओं की सूची पहले ही दे दी थी तो उसको दूर करने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ के स्वास्थ्य विभाग की है।

राज्य सरकार, राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही

सरगुजा मेडिकल कालेज की दुर्भाग्य है कि ये स्थापना के समय और उसके बाद, दोनों ही समय राजनीति का शिकार हुआ है। दरअसल मेडिकल कालेज में जिन व्यवस्थाओं को पूरा किए जाने  हिदायत दी थी। उसको पूरा करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार, राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन की होती है। लिहाजा इस मामले में कुछ दिन पहले जब छत्तीसगढ के स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने जीरो ईयर घोषित किए जाने को लेकर केन्द्र सरकार और एमसीआई को जिम्मेदार बता कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था।

नेताओं को छात्रों के भविष्य की कोई चिंता नहीं

वैसे हकीकत ये है कि छत्तीसगढ की पिछली भाजपा सरकार और मौजूदा कांग्रेस सरकार दोनों ने एमसीआई के नियमों शर्तो को हमेशा नरजअंदाज किया है। जिसके काऱण पिछले वर्षो में दो बार मेडिकल काउंसिल आफ इण्डिया ने अम्बिकापुर मेडिकल कालेज को जीरो ईयर घोषित किया है, लेकिन एमसीआई की इस कार्यवाही से किसी भी दल की सरकार ने सीख नहीं ली। जिससे ये लगता है सत्ता की कुर्सी और कुर्सी की गर्मी नेताओं की जन कल्याणकारी सोच के रास्ते बंद कर देती है। तभी तो 100-100 मेडिकल छात्रों के भविष्य के बारे में ना सोच कर नेता एक दूसरे पर आरोप लगाने पर आमादा हैं।