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पल्स पोलियों अभियान को सफल बनाने के लिए निकाली गई जागरूकता रैली

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Mar 9, 2019

मनोज मिश्ररेकर- दो बूंद जिन्दगी का संदेश लेकर प्लस पोलिया अभियान की रैली आज शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुजरी। पल्स पोलियों अभियान के तहत राजनांदगांव जिले के 0 से 5 वर्ष तक के 2 लाख 23 हजार 716 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। 

11 और 12 मार्च को डोर-टू-डोर सर्वे कर बच्चों को दवा पिलाई जाएगी

पोलियों की जागरूकता के लिए शहर में एएनएम और स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा रैली निकाली गई। रैली शहर के जमातपारा, दुर्गा चैक, सदर बाजार, कामठी लाईन, सिनेमा लाईन, बाजार के मध्य भ्रमण करते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के समीप समाप्त हुई। प्लस पोलियो अभियान के तहत राजनांदगांव जिले में भी इस वर्ष दो चरणों में बच्चों को दो बूंद जिन्दगी की पिलाई जाएगी। पल्स पोलियो अभियान 10 मार्च को बूथ स्तर पर होगा। वहीं 11 और 12 मार्च को डोर-टू-डोर सर्वे कर बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए राजनांदगांव जिले के 1 हजार 6 सौ 13 गांवों में दो लाख 23 हजार 716 बच्चों को पोलियो जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए निःशुल्क दवा पिलाई जायेगी।

पोलियो की दवाई 10 मार्च को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पिलाई जाएगी

राजनांदगांव जिले में पल्स पोलियो अभियान के लिए 1 हजार 3 सौ 38 बूथ बनाये गए हैं। इन बुथों में पोलियो की दवाई 10 मार्च को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक पिलाई जाएगी। इसके  लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों, कोटवार, प्रशिक्षु महिला  पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं सहित 5 हजार 4 सौ 58 कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगायी गई है। समय पर सभी बूथों में पोलियो की दवा उपलब्ध कराने और कार्य संपादन की निगरानी के लिए जिले को 195 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। सभी सेक्टरों के लिए एक-एक पर्यवेक्षक और 6 जोन स्तर के अधिकारी निरीक्षण हेतु नियुक्त किए गये हैं। 

 प्लस पोलियों की दवा लेने से बच्चे छूटे नहीं, इसके लिए बस स्टैण्ड, रेल्वे स्टेशन, खदानों, ईट भट्टो में छूटे हुए बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाने के लिए 33 ट्रांजिट टीमें और 23 मोबाईल टीमें भी गठित की गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भारत पोलियो मुक्त है लेकिन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफ्गानिस्तान अब भी पोलियों ग्रस्त है। जिसे देखते हुए प्रतिवर्ष भारत में प्लस पोलियो अभियान चलाया जाता है ताकि इस वायरस की पहुंच भारत तक न हो।