Dec 5, 2016
रायपुर। साल 2017-18 के लिए निजी स्कूलों में दाखिले के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल राजधानी के राजकुमार कॉलेज में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक की कक्षाएं बोर्डिंग हो जाएंगी। लिहाजा शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत यहां भले ही बच्चों को दाखिला मिल जाए, लेकिन नियमानुसार बोर्डिंग सिस्टम होने से यह स्कूल आरटीई के दायरे से बाहर हो जाएगा।
लिहाजा पहली से पांचवीं तक पढ़ने के बाद अगली बोर्डिंग कक्षाओं में दाखिला नहीं हो पाएगा। राजकुमार कॉलेज को स्थापित हुए 134 साल हो गए हैें। पिछले 20 सालों से यह बोर्डिंग की जगह डे स्कूल के तौर पर संचालित हो रहा था। आरटीई के नियम आने के बाद यहां जब दाखिले की बात आई तो यहां के प्रबंधकों ने दाखिला देने में आनाकानी की थी।
कोर्ट में मामला जाने के बाद राजकुमार कॉलेज ने यही तर्क दिया था कि उसका स्कूल डे नहीं, रेजिडेंशियल है। लिहाजा यह आरटीई के दायरे में नहीं आता है। लेकिन कोर्ट ने दाखिले के लिए आदेश कर दिया था। यहां नर्सरी कक्षा में 24 सीट हैं। इसके चलते 25 प्रतिशत आरक्षित सीट पर 6 स्टूडेंट्स का दाखिला आरटीई के तहत कराने का प्रावधान है। अब यदि यह स्कूल बोर्डिंग हो जाएगा तो यहां सिर्फ पांचवीं तक ही पढ़ने का अवसर मिलेगा। गौरतलब है कि आरटीई के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर 6 से 14 साल के बच्चों की फीस सरकार देती है। पहली से आठवीं तक बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार के पास होती है।
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिये पैरेंट्स खोज रहे अच्छे स्कूल
ज्यादातर स्कूलों में दिसम्बर से ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लिहाजा बच्चों के पैरेंट्स अपने नौनिहालों के भविष्य को लेकर चिंतित हो उठे हैं। स्कूलों में पैरेंट्स की चहल-पहल शुरू हो गई है। ज्यादातर स्कूलों में दाखिला शुरू होने से लोग 100 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक प्रॉस्पैक्ट्स फीस देकर रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं।
स्कूलों में 70 हजार तक फीस
राजधानी के निजी स्कूलों में न्यूनतम 10 हजार से लेकर 70 हजार रुपए तक फीस है । मासूमों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए पालक खर्च में कटौती के साथ उधार तक लेने को मजबूर हैं। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ग्रेड के आधार पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में अधिकतम फीस 57 हजार 200 से लेकर 64 हजार रुपए प्रति वर्ष है। लेकिन स्कूलों में फीस के नाम पर अभिभावकों की जेब काटी जा रही है, पर सरकार जरा भी गंभीर नहीं है।
आगे भी10 फीसदी तक बढ़ेगी फीस
निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस, बस किराया के अलावा यूनिफॉर्म, बुक्स, स्टेशनरी, फूड, कम्प्यूटर क्लास, फैंसी ड्रेस कॉम्पिटिशन पोशाक, समर वेकेशन, सेलिब्रिटी, गेम्स ट्रेनर, स्कूल बैच, फोटोग्राफी, पेंटिंग कॉम्पिटिशन, टूर, आनंद मेला और कूपन के नाम पर भी शुल्क लिया जाता है। इस बार 10 फीसदी तक फीस बढ़ाने की तैयारी है।
अभी ये फीस बड़े स्कूलों में
शहर के राजकुमार कॉलेज(स्कूल) में नर्सरी से क्लास से 1 तक एडमिशन फीस 70 हजार रुपए है। 35-35 हजार रुपए दो बार लिए जाते हैं। इसी तरह डीपीएस स्कूल क्लास 1 से 5 तक सालाना फीस लगभग 30 हजार रुपए है। फॉर्म फीस 500 रुपए है। बस फीस किलोमीटर के हिसाब से तय है। संत ज्ञानेश्वर स्कूल नर्सरी में 22 हजार रुपए तक सालाना फीस है। होली हार्ट एजुकेशनल स्कूल में नर्सरी में एडमिशन फीस 25 हजार रुपए और 2600 रुपए की छह किस्त की फीस अलग।
बोर्डिंग में बदला आरकेसी
आरकेसी पहले भी बोर्डिंग था। कुछ साल पहले यह डे स्कूल हो गया था। अब छठवीं से बारहवीं तक यह बोर्डिंग स्कूल होगा। पहली से पांचवीं तक आरटीई में दाखिला देंगे। इसके बाद पालक जाने उनको क्या करना है। - अविनाश सिंह, प्रिंसिपल, आरकेसी
स्कूल बदल देंगे
बोर्डिंग में आरटीई लागू नहीं होता है। जहां तक बोर्डिंग नहीं है, वहां तक दाखिला आरटीई में होगा। पांचवीं के बाद दूसरे स्कूल में बच्चों को शिफ्ट किया जा सकता है। - एएन बंजारा, डीईओ, रायपुर








