Loading...
अभी-अभी:

अब नक्सलियों से लोहा लेने में होगी आसानी, सीआरपीएफ की विशेष बटालियन हुई तैयार

image

May 22, 2018

सीआरपीएफ ने नक्सल समस्या से निपटने एक यूनिक तरीका अपनाया है जिसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के हरी झंडी देने के बाद सीआरपीएफ ने एक विशेष तरह की बटालियन तैयार की है जिसमे पहले तो बस्तर इलाके के स्थानीय युवाओं को सीआरपीएफ के तय मापदण्डों में छूट देकर भर्ती किया गया, अब उनको केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के तय मापदण्डों की ट्रेनिंग देकर तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे है कि इस बटालियन के ट्रेनिंग लेने के बाद बस्तर के घोर नक्सल क्षेत्र मे सीआरपीएफ को नक्सलियो से लोहा लेने मे आसानी होगी।

नक्सलरोधी अभियान के लिए तैयार
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल का बस्तरिया बटालियन छत्तीसगढ़ में नक्सलरोधी अभियान के लिए अब तैयार है क्योंकि आज सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सोमवार को बस्तरिया बटालियन की पासिंग आउट परेड की सलामी ली। छत्तीसगढ के अम्बिकापुर में 21 मई 2018 को पासिंग आउट परेड के तुरंत बाद इन बस्तरिया जवानों को नक्सलियों के गढ़ बस्तर डिवीजन में नक्सलरोधी अभियान के लिए तैनात किया जाएगा।

बस्तरिया बटालियन को सीआरपीएफ 241 के नाम से जाना जाएगा
बस्तरिया बटालियन को सीआरपीएफ की 241 के नाम से भी जानी जाएगा। इस बटालियन में जवानों का चयन छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, दंतेवाड़ा, नरायणपुर और सुकमा जिलों में किया गया है इधर बस्तरिया बटालियन के दीक्षांत समारोह में पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री भी बस्तर के रणबांकुरो की परेड़ देखकर अपने आप को रोक नही सके और बटालियन में शामिल युवक युवतियो की जमकर तारीफ की। 

नक्सलियो के दस्ते में महिलाओं की अच्छी खासी तादाद
बस्तर में सक्रिय नक्सलियो के दस्ते या कंपनी मे महिलाओ की अच्छी खासी तादाद है जिसको देखते हुए बस्तरिया बटालियन महिलाओं को भी शामिल किया गया है खास बात ये है कि सीआरपीएफ की 241वी बस्तरिया बटालियम मे सरकारी आरक्षण नीति का अपनाया गया है और महिलाओ को  33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है इस नए बटालियन मे 189 महिला सहित कुल 534 जवान 44 हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद बस्तर के जंगल की जंग को तैयार है और यही वजह है कि छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री डाँ रमन सिंह भी इस बटालियन की तारीफ करते नही थक रहे है।

सभी तकनीक की दी गई ट्रेनिंग 
सरगुजा के केपी अजिरमा गांव मे स्थित सीआरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में बस्तरिया बटालियन लडाकों को गुरिल्ला युद्ध, स्वल्पाहार रहकर लड़ना के साथ ही जंगल युद्ध की सभी तकनीक की ट्रेनिंग दी गई है जिसके बाद स्थानिय परिस्थियो और अपने जंगल की भोगौलिक स्थिती को जानने वाले इस बटालियन के जवान नक्सलियो के आसानी से पटखनी दे सेकेंगे।