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बच्चों का भविष्य अंधकारमय, स्कूल तक जाने के लिए नहीं है रास्ता

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Sep 8, 2018

पुरूषोत्त्म पात्रा : गरियाबंद जिले में शिक्षा व्यवस्था के हालात ठीक नही है, कहीं शिक्षकों की कमी है तो कहीं बच्चों को जर्जर भवन में बैठकर पढाई करने पर मजबूर होना पड रहा है, कुछ स्कूल ऐसे भी है जहॉ तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नही है।

वैसे तो सरकार का हर गॉव में स्कूल खोलने और हर बच्चे को शिक्षा देने का दावा है, मगर गरियाबंद जिले में सरकार का ये दावा खोखला साबित हो रहा है, हम कुछ स्कूलों की तस्वीरें आपको दिखाते है, जिसको देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है कि व्यवस्था को सुधारने में बहुत कुछ करने की जरुरत है, ये तस्वीर देवभोग अनुविभाग के उरमाल हाई स्कूल की है, सरकार ने हाई स्कूल को हायर सैकेंडरी स्कूल में उन्नयन तो कर दिया मगर शायद हायर सैकेंडरी स्कूल के लिए भवन बनाना भूल गयी, फिलहाल हायर सैंकेडरी स्कूल हाई स्कूल भवन में ही संचालित हो रहा है, मगर ये भवन इतना जर्जर है कि कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है, बच्चे के यहॉ डर के साय में बैठकर पढाई करने पर मजबूर हो रहे है।

अब हम बात करते है इसी अनुविभाग के जामगुरिया प्राथमिक स्कूल के हालात की, यहॉ के हालात और भी खतरनाक है, यहॉ सरकार ने 15 साल पहले स्कूल तो खोल दिया मगर शायद स्कूल पहुंचने के लिए रास्ता बनाना भूल गयी, यहॉ पढने वाले छोटे छोटे बच्चे कीचढ में से गुजर कर स्कूल पहुंचते है, बच्चो के लिए ये कोई एक दो दिन का काम नही है, बल्कि हर  बरसात शुरु होने से लेकर बरसात खत्म होते तक पुरे बरसात सीजन में बच्चों को ऐसे रास्ते से गुजर कर ही स्कूल पहुंचना पडता है।

ऐसा नही है कि ग्रामीणों ने शासन को यहॉ के हालात से अवगत ना कराया हो बल्कि जनदर्शन से लेकर लोक सुराज अभियान तक ग्रामीण फरियाद लगा चुके है, मगर हालात में कोई सुधार नही हुआ, ऐसे में सरकार के बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने का दावा कितना सही है यो तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है, बडा सवाल है कि आखिर इन तस्वीरों को देखकर अब सरकार व्यवस्था सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।