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कोरबाः बदहाल स्कूल, छतों से टपकते पानी के बीच छात्र पढ़ने को मजबूर

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Jul 3, 2019

मनोज यादव- कोरबा में मॉनसून की पहली बरसात ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल बदहाली की मार झेल रहे ही हैं। वहीं शहरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की भी व्यवस्था कुछ खास नहीं हैं। छतों से टपकते पानी के बीच छात्र पढ़ने को मजबूर हैं। बिजली नहीं होने से समस्या और भी बढ़ गई है। वीआईपी रोड पर संचालित अंधरीकछार स्कूल कितना है बदहाल, आइए देखते हैं सूरत-ए-हाल।

मॉनसून की पहली बरसात ने ही स्कूल में सरकारी शिक्षा व्यवस्था की खोली पोल

छतों से टपकती पानी की बूंद, फर्श पर बिखरा पानी और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की यह तस्वीर किसी वनांचल क्षेत्र की नहीं, बल्की जिला मुख्यालय के वीआईपी रोड पर संचालित शासकीय माध्यमिक स्कूल अंधरीकछार की है। मॉनसून की पहली बरसात ने ही स्कूल में सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। नया शिक्षण सत्र शुरु होने से पहले विभाग ने दावा किया था कि शासकीय स्कूलों में बिना किसी बाधा के अध्यापन कार्य संपन्न कराया जाएगा, लेकिन अव्यवस्थाओं की इन तस्वीरों को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यवस्थाओं को लेकर विभाग कितना गंभीर है। हालांकि शिक्षक भी अव्यवस्थाओं के बीच छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इस संबंध में जब हमने शिक्षकों से बात की, तब उन्होंने हमसे ही व्यवस्था सुधारने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि शासन से मिले व्यवस्था के आधार पर बच्चों को शिक्षा और दिक्षा दी जा रही है।

स्कूली छात्रों ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से व्यवस्थित कक्ष दिया जाने की कर रहे हैं मांग

सोमवार की शाम से शुरु हुई बरसात अनवरत जारी है। कक्षा में पानी के फैलाव से छात्रों को पढ़ने में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। बरसाती पानी के कारण टाटपट्टियां तो भीग ही रही है, स्कूल किताबें भी सीलन की मार झेल रही है। स्कूली छात्रों ने हमारे माध्यम से प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उन्होंने भी व्यवस्थित कक्ष दिया जाए ताकि उन्हें शिक्षा हासिल करने में किसी भी तरह की समस्या का समाधान न करना पड़े। अंधरीकछार स्कूल में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर जितने जिम्मेदार जिला शिक्षाधिकारी हैं, उससे कहीं अधिक लापरवाह विकासखंड शिक्षाधिकारी हैं, जो सिर्फ कार्यालय की शोभा बढ़ाना जानते हैं। जिला शिक्षाधिकारी के उपर पूरे जिले के स्कूलों का भार हैं, लेकिन विकासखंड शिक्षाधिकारी के जिम्मे केवल कुछ चुनिंदा स्कूलों को ही दुरुस्त करना है। बहरहाल व्यवस्था अगर जल्द नहीं सुधरी तो छात्रों को पूरे बरसात में ऐसे ही अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ेगा।