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गांव हुआ तालाब में तब्दील, विकास के नाम पर मिला तो सिर्फ आश्वासन

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Aug 9, 2018

रवि शुक्ला : एक तरफ तो प्रदेश सरकार अपने शासनकाल में किये विकास का ढिंढोरा पीट रही है और पूरे प्रदेश में विकासयात्रा के माध्यम से पहुंचकर विकासगाथा बयान कर रही है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत क्या है ये देखने को मिला जिले के बेलखुरी गांव में  ये गांव है छत्तीसगढ़ सरकार के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी अजय सिंह चंदेल का। यहां के लोग आज भी पानी, बिजली, सड़क, शौचालय जैसी बुनियादी व मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। 

गांववासियों को सिर्फ आश्वासन मिला है
उनके मुख्य सचिव बनने के बाद यहां के लोगों को लगा कि अब उन्हें अपनी समस्याओं से निजात मिलेगी मगर ऐसा हुआ नहीं हालांकि मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करते ही जिले के कलेक्टर सहित आला अधिकारी इस गांव में पहुंचे जरूर जिसके बाद ग्रामीणों ने हो रही समस्याओ से अवगत कराया जिसपर अधिकारियो के द्वारा सब समस्या को ठीक करने का आश्वासन दिया और चलते बने।

चीफ सेक्रेटरी अजय सिंह चंदेल का गृहग्राम है यह गांव
मुंगेली जिले के पथरिया विकासखंड के गांव बेलखुरी छत्तीसगढ़ सरकार के मौजूदा चीफ सेक्रेटरी अजय सिंह चंदेल का गृहग्राम है। चीफ सेक्रेटरी की गांव की तस्वीरें चौंकाने वाली हैं। यहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर हैं बेलखुरी वह गांव है जहां मुख्य सचिव अजय सिंह का बचपन बीता है गांव के लाडले सपूत अजय सिंह को मुख्य सचिव का पद मिलने से गांव वालों को लगा था कि अब उन्हें अपनी समस्याओं से निजात मिलेगी मगर ऐसा हुआ नहीं यहां के लोग आज भी पानी, बिजली, सड़क, शौचालय जैसी बुनियादी व मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। 

गांव तालाब में तब्दील
बरसात के दिनों में यह गांव तालाब में तब्दील हो जाता है। जगह-जगह पर गंदा पानी और कीचड़ जाम हो जाता है बावजूद इस स्थित में कोई सुधार नहीं हुआ। कहने को तो गांव में पानी टंकी है, मगर पानी की सप्लाई बंद है स्कूल भी है लेकिन भवन जर्जर है, जिसके छत से पानी टपकता है। वहीं भवन विहीन और संसाधनों की कमी से जूझते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधा ठप है। इसके अलावा बिजली सप्लाई भी भगवान भरोसे हैं। यहां के ग्रामीण समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन के सिवाय कुछ भी नहीं मिला है मुंगेली जिले को भले ही राज्य के प्रथम ओडीएफ जिला का दर्जा प्राप्त है, लेकिन इसकी सच्चाई चीफ सेक्रेटरी का गांव बयां कर रहा है। 

ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर
हालात ये है कि ओडीएफ का तमगा प्राप्त किये साल भर बाद भी यहां के ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं वहीं इन सब समस्याओं से जिले के कलेक्टर भी इत्तेफाक रखते है उनका कहना है कि ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्या सुनी है और उन समस्याओ का जल्द निराकरण किया जाएगा।