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ट्रांसपोर्ट नगर की योजना हुई ठप्प, आबंटित दुकानें और गुमटियां खा रही जंग

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Feb 26, 2019

राम कुमार यादव- अम्बिकापुर को व्यवस्थित करने की बहुत सी योजना अधर मे लटकी हुई हैं। जिनमें से एक ट्रांसपोर्ट नगर की योजना है। जिसके लिए आबंटित दुकानें और गुमटियां जंग खा गई। निर्माण कार्य पूरा ना होने से ट्रांसपोर्ट नगर की 10 वर्षों में भी शुरुआत नहीं हो पाई है। निगम प्रबंधन आंख में पट्टी बांध कर हाथ में हाथ धरे बैठा है।

स्थानीय लोग ट्रांसपोर्ट नगर बनने की जोह रहे हैं बाट जोह

अम्बिकापुर नगर निगम बने 15 साल पूरे होने को है, लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर जैसी जरुरी व्यवस्था ज़मीन पर नहीं उतर सकी है। हवा में गोते लगा रही ट्रांसपोर्ट नगर की शुरुआत सबसे पहले अम्बिकापुर से 10 किलोमीटर दूर मेण्ड्राखुर्द गांव मे शुरु हुई। जिसके लिए निगम प्रबंधन ने 10 लाख रुपए पानी की तरह बहाए। बाद में वो जमीन फारेस्ट लैंड निकल गई। लिहाजा निगम प्रबंधन ने करीब 10 साल पहले उसको बिलासपुर चौक के पास पचपेडी में जमीन आबंटित करा कर उसका विस्तार शुरु किया। फिर वहां भी 1 करोड़ 80 लाख रुपए से निमग प्रबंधन ने जमीन समतलीकरण, कुछ हिस्से में सीसी रोड औऱ गुमतियां रखवाने में खर्च कर दिए। हालात ये है कि अभी तक शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को वहां शिफ्ट नहीं किया जा सकता है। जिससे ट्रांसपोर्ट अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं औऱ स्थानीय लोग ट्रांसपोर्ट नगर बनने की बाट जोह रहे हैं।

एक बार फिर निगम प्रबंधन ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर 12 करोड़ रुपए की मांग की

10 वर्षो मे करीब 2 करोड रुपए खर्च करके भी ट्रांसपोर्ट नगर की शुरआत नहीं हुई। शहर के मुख्यमार्ग खासकर निर्माणाधीन रिंग रोड में ट्रक सड़क किनारे खडे रहते हैं, जिससे लगातार हादसे हो रहे है। ना ही निगम प्रबंधन और ना ही जिला प्रशासन, कोई इस मामले की सुध लेने को तैयार नहीं है। हालांकि इस सबंध में जब हमने निगम प्रबंधन से मामले में लेटलतीफी की खबर ली, तो पता चला कि एक बार फिर निगम प्रबंधन ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजकर 12 करोड़ रुपए की मांग की है, जिसमें निगम 25 एकड़ में फिर से ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के दम भर रहा है।

गौरतलब है कि अम्बिकापुर के वार्ड नंबर 46 पचपेढी में अब कुल 25 एकड़ ज़मीन आबंटन करके करोडों रुपए बहाने की तैयारी में है। सवाल ये है कि वर्षो से जंग खाती गुमटी और खराब हो चुकी सीसी रोड़ आदि में तमाम खर्च किए गए पुराने रुपए की भरपाई कौन करेगा, जो जनता की ही गाढी कमाई से आते है। बहरहाल अब तक प्रदेश में भाजपा की सरकार थी औऱ अम्बिकापुर निगम में कांग्रेस की सरकार थी। लिहाजा कुछ बहाने भी थे, लेकिन अब दोनों जगह कांग्रेस की सरकार है तो देखना है कि बहानेबाजी हावी रहती है या फिर हवा में गोते लगा रहा ट्रांसपोर्ट नगर को ज़मीन में भी जगह मिलती है।