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सरकार के कामकाज से नाखुश आदिवासी निकले पदयात्रा पर

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Sep 12, 2018

पुरूषोत्तम पात्रा : प्रदेश के आदिवासी कमार जनजाति के लोग सरकारी कामकाज से खुश नही है, 5 जिलों के नाराज आदिवासी सडक पर उतर आये है, आदिवासी अपनी 5 सूत्रीय मांगो को लेकर गरियाबंद से पदयात्रा पर निकल पडे है, रायपुर पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगे, और मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत करायेंगे।

सरकारी संगठनो और स्वर्णो के बाद अब आदिवासियों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, आदिवासी कमर जनजाति के लोगो का आरोप है कि उनको मिलने वाली विशेष सुविधाओं का लाभ उन्हें नही मिल पा रहा है, सीधी भर्ती हो या फिर वन अधिकार पट्टा ऐसी किसी भी योजना लाभ उन्हें नही मिल रहा है, गरियाबंद में प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद समाजिक पदाधिकारियों ने पदयात्रा करने का निर्णय लिया है, मंगलवार को गरियाबंद से पदयात्रा शुरु हो गयी, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, महासमुंद और बालोदाबाजार पांच जिलो के सैंकडो आदिवासी अपने परंपरागत अस्त्र शस्त्र के साथ रायपुर के लिए निकल चुके है, जिसमें महिलाएं भी शामिल है।

समाज के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अपनी मांगो को लेकर वे कई बार जिले के जिम्मेदार पदाधिकारियों से मुलाकात कर चुके है, हर बार उन्हें आश्वासन दिया जाता है, मगर आश्वासन पुरा कभी नही हुआ, इसलिए अपनी मांगो के लिए पदयात्रा करने के सिवाय उनके पास ओर कोई चारा नही बचा, समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि अब लडाई आरपार की होगी, यदि मुख्यमंत्री उनकी मांगे पुरी नही करते तो वे रायपुर से दिल्ली के लिए कुच करेंगे।

जिस समाज विशेष के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ प्रदेश का निर्माण किया गया आज वही समाज अपने अधिकारों के लिए सडकों पर है, वो भी तब जब सरकार उनके लिए खरबों रुपये खर्च करने का दावा कर रही हो, ऐसे में सवाल उठना लाजमि है कि सरकार द्वारा खरबो रुपये खर्च करने का दावा करने के बाद भी आखिरकार आदिवासियों को मिलने वाली विशेष सुविधाओं के लिए सडक पर क्यों उतरना पड रहा है।