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1990 में हुआ था आंगनबाड़ी भवन का निर्माण, अब हुआ जर्जर

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Jul 26, 2018

शेख आलम : विकासखंड धरमजयगढ़ के अंतिम छोर के घने जंगलों के बीच बसे ग्राम लामीखार में आंगनवाड़ी भवन का 1990 में निर्माण हुआ था, तब से लेकर आज तक देखरेख के अभाव में यह भवन जर्जर हो गया है।

वहीं बता दें कि स्थानीय प्रशासन को इस बात से कोई सरोकार ही नहीं है बारिश से भवन के छत से पानी का रिसाव व प्लास्टर टूट के गिर चुका है जिसके चलते आंगनबाड़ी का संचालन गांव में किराए के मकान लेकर संचालित किया जा रहा है, वैकल्पिक व्यवस्था के मद्देनज़र निजी मकान में आंगनबाड़ी संचालन करना गवारां है पर भवन का जीर्णोद्धार या भवन निर्माण विभाग को शायद गवाँरा नहीं तो ऐसे में सवाल यह उठते है कि आखिर शासन से जर्जर भवनों के देख रेख के लिए लाखों रूपए आते है फिर यह रूपण् जाते कहां है।

यहाँ पढ़ने वाले बच्चों की दर्ज संख्या 27 है जो स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं निजी भवन में धुंवा से भरे कमरे में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। विकासखंड के अंतिम छोर होने के कारण व घने जंगलों के बीच बसे होने की वजह से इस गाँव का आंगनबाड़ी भवन जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है।

इस बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का ​कहना है कि आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो गया है छत से पानी लीक हो रहा है इसकी जानकारी परियोजना अधिकारी धरमजयगढ़ को दी गई, अधिकारी द्वारा मकान किराए में लेकर आंगनबाड़ी संचालित करने के निर्देश दिए गए है तब से कच्चे मकान में ही यह संचालित हो रहा है।

विकासखंड धरमजयगढ़ के अंतिम छोर के घने जंगलों के बीच बसे ग्राम लामीखार में आंगनवाड़ी भवन का 1990 में निर्माण हुआ था, तब से लेकर आज तक देखरेख के अभाव में यह भवन जर्जर हो गया है।

वहीं बता दें कि स्थानीय प्रशासन को इस बात से कोई सरोकार ही नहीं है बारिश से भवन के छत से पानी का रिसाव व प्लास्टर टूट के गिर चुका है जिसके चलते आंगनबाड़ी का संचालन गांव में किराए के मकान लेकर संचालित किया जा रहा है, वैकल्पिक व्यवस्था के मद्देनज़र निजी मकान में आंगनबाड़ी संचालन करना गवारां है पर भवन का जीर्णोद्धार या भवन निर्माण विभाग को शायद गवाँरा नहीं तो ऐसे में सवाल यह उठते है कि आखिर शासन से जर्जर भवनों के देख रेख के लिए लाखों रूपए आते है फिर यह रूपण् जाते कहां है।

यहाँ पढ़ने वाले बच्चों की दर्ज संख्या 27 है जो स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं निजी भवन में धुंवा से भरे कमरे में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। विकासखंड के अंतिम छोर होने के कारण व घने जंगलों के बीच बसे होने की वजह से इस गाँव का आंगनबाड़ी भवन जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है।

इस बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का ​कहना है कि आंगनबाड़ी भवन जर्जर हो गया है छत से पानी लीक हो रहा है इसकी जानकारी परियोजना अधिकारी धरमजयगढ़ को दी गई, अधिकारी द्वारा मकान किराए में लेकर आंगनबाड़ी संचालित करने के निर्देश दिए गए है तब से कच्चे मकान में ही यह संचालित हो रहा है।