Jul 26, 2018
निशा मशीह - राज्य शासन के द्वारा अवैध निर्माण को नियमित कराने के लिए अभियान चलाए जाने के बाद भी जिले से ऩियमितिकरण के लिए सिर्फ 12 सौ लोगों ने ही दिलचस्पी दिखाई है खास बात ये है कि आवेदन जमा करने के एक साल बाद भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है आलम ये है कि विभाग को मिले 1215 आवेदनों में अब तक सिर्फ 75 फीसदी आवेदन ही नियमित हो पाए हैं नियमितिकरण की धीमीगति को लेकर जहां विभाग की कार्य़शैली पर सवाल उठ रहे हैं तो वहीं विभागीय अधिकारी इस महीने के अंत तक सारे आवेदनों का निपटारा करने का दावा कर रहे हैं।
1215 लोगों ने ही दिया नियमितिकरण का आवेदन
अवैध निर्माण को नियमितिकरण करने के लिए साल भर पहले अभियान चलाया था इसके तहत जिन लोगों ने खुद की जमीन पर बिना अनुमति के निर्माण कराया था उन्हें अपने निर्माण को वैध कराने का अवसर दिया गया था इसके लिए न्यूनतम दर भी तय की गई नियमानुसार आवेदन करने पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के द्वारा नियमितिकरण की अनुमति दी जानी थी रायगढ़ जिले की बात करें तो जिले के 8 निवेश क्षेत्रों को मिलाकर कुल 1215 लोगों ने ही नियमितिकरण के लिए आवेदन दिया था।
विभाग के द्वारा 5.5 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई
शासन के निर्देशानुसार राजस्व व नगरीय निकाय विभाग की टीम भी निरीक्षण के निरीक्षण के बाद तीन महीने के भीतर नियमितिकरण करना था लेकिन साल भर होने को आए अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है अगर आंकडों पर ध्यान दें तो जिले में आए कुल 1215 आवेदनों से अब तक 881 आवेदनों का ही निराकरण हो पाया है जबकि बाकी के आवेदन पेंडिंग पडे हुए हैं इतना ही नहीं बिना अनुमति के अवैध निर्माण पर उद्योगों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के द्वारा 5.5 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई थी।
महज अब तक ढाई करोड़ ही वसूले जा सके
जबकि इसमें से महज अब तक ढाई करोड़ ही वसूले जा सके हैं ऐसे में विभाग की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं इधर अधिकारियों का कहना है कि नियमितिकरण की कार्रवाई सर्वे के बाद ही हो सकती है और विभागों से सामंजस्य की कमी की वजह से नियमितिकरण की प्रक्रिया में देरी हुई है अधिकारियों का ये भी कहना है कि इसी महीने के अंत तक सारे आवेदनों का निपटारा कर लिया जाएगा।
पैनाल्टी का टारगेट 6 करोड था
1215 आवेदन आए थे 8 निवेश क्षेत्रों को मिलाकर इसमें से अभी तक 75 फीसदी निराकरण हो गए 881 हो गए हैं 300 बाकी हैं 31 जुलाई तक निराकरण हो जाएगा अवेयरनेस की कमी थी आवेदन अभी नहीं ले रहे है चूंकि संयुक्त टीम थी इसलिए डिले हो रहा है पैनाल्टी का टारगेट 6 करोड का था लगभग 5.5 करोड का अधिरोपण किया गया था तकरीबन ढाई करोड़ वसूल किया जा चुका है।