Nov 22, 2016
रायपुर। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सीमा से सटे कबीरधाम जिले में घना जंगल है, जिससे होकर माओवादी आवागमन करते हैं। नक्सलियों के इस आवागमन के रास्ते पर घुसपैठ करने के लिए जंगल की कमान अब एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) ने संभाल लिया है। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक माओवादी से सीधे मुड़भेड़ की तैयारी है। माओवादी राजनांदगांव से बालाघाट तक आने जाने के लिए कवर्धा के बार्डर एरिया रेंगाखार के घने जंगल और वनांचल ग्रामों का उपयोग कर रहे हैं। रात भी यहीं गुजारते हैं। वह ग्रामीणों से मेलजोल बढ़ा रहे हैं ताकि आने वाले समय में इनसे मदद ले सकें।
इस मूवमेंट पर कबीरधाम पुलिस लगातार जंगल की सर्चिंग कर रही है। माओवादियों की बढ़ती चहलकदमी को शून्य करने के लिए अब स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने जंगल में मोर्चा संभाला है। एसटीएफ के साथ ही विशेष पुलिस बल भी साथ दे रही है। स्पेशल टॉस्क फोर्स के जवानों ने झलमला के जंगल में बेस कैम्प भी बनाया है। 200 से अधिक जवान लगातार जंगल और गांवों की सर्चिंग कर रहे हैं। ग्रामीणों से मिलकर उन्हें समझाइश दे रहे हैं। इससे ग्रामीण काफी खुश हैं। उन्हें यकीन हो चुका है कि पुलिस उनके साथ है। यह पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
घना जंगल बड़ी समस्या
कबीरधाम के जंगल बस्तर क्षेत्र से भी ज्यादा घना माना जाता है, जो माओवादियों के लिए काफी मददगार हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस के जवानों के लिए यह समस्या भी है। ऊंचे पहाड़, घाटी और घने जंगल माओवादियों के छुपने का मुख्य ठिकाना होता है। घने जंगलों के कारण ही आज तक बस्तर में लाल आतंक फैला हुआ है। इसके लिए इनके कदम रोकना आवश्यक है, ताकि किसी प्रकार की वारदात न कर सके। स्पेशल टॉस्क फोर्स के जवान पूरी तरह से जंगलवार से प्रशिक्षित हैं। इन्हें माओवादी से मुकाबला करने के लिए ही तैयार किया गया है। साथ ही जंगल में किस तरह से आगे बढ़ना है इसकी भी ट्रेनिंग इन्हें मिली हुई है। क्योंकि जिले के जंगल बस्तर से भी ज्यादा घने हैं।
स्पेशल टॉस्क फोर्स रोजाना करीब 5 से 7 किमी तक गांव और जंगल की पूरी तरह सर्चिंग कर रहे हैं। कुछ दिन पूर्व करीब 20 किमी तक जंगल अंदर जाकर सर्चिंग किया गया, वह भी पूरी तैयारी के साथ। यदि माओवादी से आमना सामना होता है तो सीधे गोलियां बरसेंगी। कबीरधाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्रकर ने बताया कि वनांचल गांव झलमला में बेस कैम्प बनाया जा चुका है। यहां पर एसटीएफ के जवान तैनात है जो लगातार जंगल में सर्चिंग कर रहे हैं। जवान सभी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।