Feb 28, 2024
HIGHLIGHTS
- महिला वोटर पर भाजपा का फोकस
- राज्यसभा में भी मप्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई
- महिलाओं का जीत का ट्रेक रिकार्ड शानदार
भोपाल। आधी आबादी के सपनों को हकीकत में बदलने की कोशिश में जुटा भाजपा नेतृत्व आने वाले लोकसभा चुनाव में 33 फीसदी टिकट महिलाओं को देने की कवायद किसी माडल स्टेट में करना चाहता है। इस प्रयोग की सबसे अधिक संभावना भाजपा संगठन के सबसे मजबूत राज्य मध्यप्रदेश में होने की है। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से करीब 9 पर महिलाओं को उतारने की रणनीति लगभग फाइनल हो गई है।
महिलाओं की राजनैतिक हिस्सेदारी को लेकर राजनैतिक दलों का ट्रेक रिकार्ड बेहद खराब रहा है। देश के प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस दोनों महिलाओं की हिस्सेदारी की बात तो करते हैं लेकिन उनको हिस्सेदारी देने में कंजूसी दिखाते हैं। लेकिन इस लोकसभा चुनाव में माहौल कुछ बदला बदला सा है। बदलाव की यह बयार भाजपा में ज्यादा है।
महिला आरक्षण विधेयक के बाद उम्मीद बढ़ी
महिलाओं की राजनैतिक हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम ( महिला आरक्षण विधेयक) लेकर आई, जिसमें महिलाओं का संसदीय प्रतिनिधित्व 33 फीसदी किए जाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास हो चुका है और यह नई जनगणना एवं परिसीमन के बाद लागू होगा।
विधानसभा चुनाव ने किया नाउम्मीद
मप्र में विधानसभा चुनाव पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने के बाद हुए थे। उस समय आधी आबादी को उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में भाजपा महिलाओं की दावेदारी को महत्व देगी और विधानसभा उम्मीदवारी में संख्या बढ़ाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और 230 विधानसभा सीटों वाली मप्र विधानसभा में मात्र 28 सीटों पर ही महिलाओँ को मैदान में उतारा। भाजपा से ज्यादा तो कांग्रेस ने महिलाओं को टिकट दिया, हालांकि कांग्रेस ने भी 30 सीटों पर ही महिलाओं को टिकट दिया।
राज्यसभा में बदली तस्वीर
विधानसभा चुनाव के बाद हुए राज्यसभा के चुनाव में मप्र की राज्यसभा सीटों पर महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ती हुई दिखाई दी। मप्र से राज्यसभा की 11 सीटों में से 8 सीटें भाजपा के पास हैं। इसमें से 3 सीटों पर महिला सांसद चुनी गई हैं। इनमें कविता पाटीदार, सुमित्रा बाल्मीकि और माया नारोलिया शामिल हैं। यह महिलाओं का मप्र की कुल सीटों पर 25 प्रतिशत औऱ भाजपा की जीती सीटों पर 33 प्रतिशत से ज्यादा का प्रतिनिधित्व है।
महिलाओं के जीत दर्ज करने का ट्रेक रिकार्ड शानदार
मप्र में भाजपा से महिला उम्मीदवारों के मैदान में उतरने पर जीत दर्ज करने का ट्रेक रिकार्ड भी शानदार है।1980 में भाजपा के गठन के बाद हुए 1984 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो बाद में हुए सभी लोकसभा चुनावों में प्रदेश में महिला उम्मीदवारों का जीत का रिकार्ड शानदार रहा है। 1984 में भाजपा ने 2 महिला उम्मीदवार भिंड से वसुंधऱाराजे सिंधिया और खजुराहो से साध्वी उमाभारती को टिकट दिया था, हालांकि दोनों ही चुनाव हार गई थीं। इसके बाद हुए 9 लोकसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों ने 70 फीसदी और कुछ में तो 100 फीसदी जीत दर्ज की है। बीते 3 चुनाव 2009, 2014 एवं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा और सभी ने जीत दर्ज की। इसके पहले के लोकसभा चुनाव में भी महिलाओं की जीत का रिकार्ड शानदार है। 1989 से लेकर 2004 के बीच हुए 6 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मप्र की 29 सीटों पर 21 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा और 17 ने जीत दर्ज की।
लगातार जीत दर्ज कर भाजपा का गढ़ बनाया
मप्र में महिला सांसदों के कारण कुछ लोकसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ बन गए। इसमें गुना लोकसभा से जब तक राजमाता विजयाराजे सिंधिया चुनाव लड़ीं, वहां भाजपा को जीत मिली। इसी तरह खजुराहो, भोपाल को उमाभारती, जबलपुर को जयश्री बैनर्जी, इंदौर को सुमित्रा महाजन एवं सीधी को रीती पाठक ने भाजपा का गढ़ बना दिया।
मोदी युग में 2 चुनाव में 9 महिलाएं सांसद बनीं
केंद्र में नरेंद्र मोदी के उदय के बाद हुए 2 लोकसभा चुनाव में मप्र में भाजपा ने 9 महिलाओं पर भरोसा जताया और सभी 9 महिलाओं ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की। इसमें 2014 के लोकसभा चुनाव में सीधी से रीती पाठक, विदिशा से सुषमा स्वराज, धार से सावित्री ठाकुर, इंदौर से सुमित्रा महाजन एवं बैतूल से ज्योति धुर्वे को टिकट मिला और जीतीं। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में भिंड से संध्या राय, सीधी से रीती पाठक, शहडोल से हिमाद्री सिंह एवं भोपाल से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट मिला औऱ जीतीं।
9 सीटों तक पहुंच सकती है महिलाओं की उम्मीदवारी
लोकसभा चुनाव में देश में 370 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा के फोकस में महिला मतदाता हैं। इनके लिए मोदी सरकार ने अनेक योजनाएं बनाई हैं बल्कि महिला आरक्षण विधेयक का तोहफा दिया है। हालांकि महिला आरक्षण नई जनगणना एवं परिसीमन के बाद लागू होगा, परंतु राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव मे महिला उम्मीदवारों की हिस्सेदारी बढ़ाकर अपने नीति और नीयत को अन्य दलों के बीच रखकर उन पर दबाव बना सकती है। इसके लिए मप्र सबसे मुफीद राज्य है, जहां भाजपा लगातार प्रयोग करती रही है। मप्र की 29 सीटों में से 4 पर महिला सांसद है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा मप्र में महिला प्रत्याशियों की संख्या दोगुनी कर सकती है। इसके लिए सांसदों के प्रदर्शन को आधार बनाकर उनका टिकट काटा जाएगा। भाजपा के अंदरखाने चर्चा है कि इंदौर, धार, खंडवा, होशंगाबाद, मुरैना, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, शहडोल, विदिशा सीट से महिलाओं को टिकट दिया जा सकता है।
