Feb 28, 2024
भोपाल। मध्य प्रदेश में 17 साल तक राज करने वाले भाजपा के क़द्दावर नेता शिवराज सिंह चौहान को क्या लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा जाएगा ये बड़ा सवाल राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है,2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हाई कमान ने कोई भी काम नहीं दिया है, शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर और आगे के भविष्य को लेकर स्वराज डिजिटल की ख़ास रिपोर्ट –
क्या खत्म होने की कगार पर है, मामा शिवराज का राजनितिक करियर -
मध्य प्रदेश के और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले “मामा” शिवराज भारत के राजनीतिक करियर को लेकर फ़िलहाल प्रश्नवाचक मार्क लगा हुआ है ? और सबकी की नज़रें सिर्फ और सिर्फ लोकसभा चुनाव पर टिकी हुईं है । इसकी बड़ी वजह है कि हाई कमान ने अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कोई भी काम यह ज़िम्मेदारी नहीं सौंपी है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की आखिर उम्मीद है "लोकसभा चुनाव"
मध्य प्रदेश में 1-2 महीने के अंदर में लोक सभा चुनाव होने वाले हैं .. जिसे लेकर दोनों पार्टियां मैदान में आ चुकी हैं क़यास लगाया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को BJP लोक सभा चुनाव में कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दे सकती है.. पर बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि अगर इस चुनाव में भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी गई तो फिर उनके राजनीतिक भविष्य का क्या होगा ?
कई बार छलका पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दर्द -
लाड़ली बहनों का मामा से मिलकर रोना हो, या मामा के द्वारा ट्रेक्टर चलाने का वीडियो हो , या फिर अपने घर का नाम “मामा का घर “रखना हो ,हाल ही में जब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पर लिखा कि, मेरे प्यारे बहनों-भाइयों और भांजे-भांजियों, आप सबसे मेरा रिश्ता प्रेम, विश्वास और अपनत्व का है। पता बदल गया है, लेकिन "मामा का घर" तो मामा का घर है। आपसे भैया और मामा की तरह ही जुड़ा रहूँगा। मेरे घर के दरवाजे सदैव आपके लिए खुले रहेंगे। आपको जब भी मेरी याद आये या मेरी जरूरत हो, नि:संकोच घर पधारिये आखिर यह आपके मामा और भैया का घर जो है। इस भावनात्मक ट्ववीट के अलावा आये दिन कई बार साफ तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दर्द देखा गया..

13 साल की उम्र में संघ से जुड़े थे ' मामा ' शिवराज -
शिवराज सिंह चौहान 13 साल की छोटी सी उम्र वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ गए. तब उन्होंने सरकार में लगाए गए आपातकाल का विरोध किया था. शिवराज इस दौरान जेल भी गए पूर्व सीएम शिवराज ने भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के हमीदिया कॉलेज से दर्शनशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और वो एक गोल्ड मेडलिस्ट स्टूडेंट रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान पांच बार सांसद भी रह चुके हैं। पहली बार वो अटल बिहारी वाजपेयी के विदिशा सीट छोड़ने पर 10वीं लोकसभा के लिए में सांसद बने थे. फिर 11वीं लोकसभा में वो यहीं से दोबारा सांसद बने. इसके बाद 12वीं लोकसभा के लिए तीसरी बार भी वो विदिशा से ही सांसद बने और 1999 में 13वीं लोकसभा के लिए चौथी बार और 15वीं लोकसभा के लिए विदिशा से ही पांचवीं बार सांसद चुने गए। फिर एक लंबे सफर के बाद 29 नवंबर 2005 को शिवराज पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे...

छात्र राजनीती में थे सक्रिय -
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 1977-78 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। 1975 से 1980 तक वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव और 1988 तक युवा से 1991 तक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
जब पहली बार बने थे विधायक -
लंबे संघर्ष के बाद 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने थे
17 साल का रहा कार्यकाल 4 बार बने CM -
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले नेता माने जाते हैं । पहली बार 30 नवंबर, 2005 को दूसरी बार 12 दिसंबर 2008 को और तीसरी बार दिसंबर 2013 में जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस ने सपा, बसपा और निर्दलीयों के सहयोग से सरकार बनाई जो ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ विधायकों के बगावत करने से 15 महीने में गिर गई थी. इसके बाद 23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
