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गुना में किसका होगा राज ,सिंधिया के गढ़ में कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह देंगे टक्कर!

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Mar 29, 2024

गुना लोकसभा सीट - लोकसभा चुनाव में जब भी मध्य प्रदेश की सीटों की बात की जाती है तो सबसे पहले गुना सीट की चर्चा होती है। 2019 आम चुनाव तक गुना लोकसभा सीट सिंधिया घराने का अभेद किला मानी जाती रही है। सिंधिया राजघराने से सबसे पहले राजमाता विजयाराजे सिंधिया यहां से सांसद बनी। फिर माधवराव सिंधिया और उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया सीट से सांसद निर्वाचित हुए। साल 2014 के आम चुनाव में इस सीट से सिंधिया की जीत का अंतर कम रहा था। इस क्षेत्र में सिंधिया की पहचान 'महाराज' तौर पर की जाती है। साल 1999 के बाद से भाजपा यहां चुनाव नहीं जीत पा रही थी। लेकिन साल 2019 के आम चुनाव में कृष्ण पाल सिंह यादव ने भाजपा की वापसी कराई।

गुना में जातिवाद का नहीं है असर -

गुना में जातिवाद की राजनीति नहीं है गुना सीट के चुनावी इतिहास की बात की जाये तो हां पर सिंधिया परिवार का वर्चस्व रहा है। राजमाता विजयाराजे यहां से 6 बार सांसद रहीं, उनके बेटे माधवराव चार बार लोकसभा का चुनाव जीतकर यहां से सांसद बने। फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी तीन बार गुना सीट से सांसद रहे। फिर भी जातिवाद की राजनीति यहां बेअसर रही। जातिवाद का कार्ड यहां नहीं चल पाने का सबसे बड़ा कारण ही सिंधिया परिवार है। सिंधिया परिवार के प्रति लोगों का प्रेम अब भी बरकरार है और स्थानीय लोग अब भी रियासत के हिसाब से सिंधिया परिवार को देखते हैं।

हैं कौन यादवेंद्र सिंह यादव

राम जन्मभूमि और BJP की तमाम आंदोलनों की पृष्ठभूमि से गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में रहने वाले राव देशराज सिंह यादव का नाम अक्सर सुना जाता है. यादवेंद्र सिंह यादव उन्हीं के पुत्र हैं। हाल में हुए विधानसभा चुनाव के लगभग 6 से 7 महीने पहले ही वो बीजेपी को अलविदा कह कर कांग्रेस में आए थे...

कौन हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया -

ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को हुआ था और वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2021 से नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। 2020 से, वह राज्यसभा के सदस्य हैं। जहां वह मध्य प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। सिंधिया ने 2002 से 2019 में भारतीय आम चुनाव में अपनी हार तक लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्होंने उस समय मध्य प्रदेश में गुना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वह 2020 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं और पहले 2001 से 2020 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के सदस्य थे। कांग्रेस से रहते हुए, उन्होंने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्य किया। 2012 से 2014 तक मनमोहन सिंह के दूसरे मंत्रालय में बिजली और कॉर्पोरेट। सिंधिया जीवाजीराव सिंधिया के पोते और भारत में ब्रिटिश राज के दौरान ग्वालियर रियासत के अंतिम नेता, राजनेता माधवराव सिंधिया के पुत्र हैं

Report By:
Author
Ankit tiwari