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टीकमगढ़ लोकसभा कौन होगा किस पर भारी

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Mar 29, 2024

टीकमगढ़ लोकसभा - धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक पर्यटन के दृष्टिकोण से टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र का देश के नक्शे पर महत्वपूर्ण स्थान है। यहां बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली ओरछा नगरी के मंदिर में श्रीरामराजा सरकार की मूर्ति विराजमान है। ओरछा पुरातात्विक महत्व की नगरी भी है। यहां के महल, किले और छतरियां बेहद खूबसूरत और दर्शनीय हैं। राजनीतिक तौर पर यहां समीकरण बनते और बिगड़ते रहे हैं। वर्ष 1952 के पहले चुनाव में टीकमगढ़ लोकसभा सीट भी कई अन्य जिलों को शामिल करते हुए अस्तित्व में आई। अब तक इस सीट पर चार बार परिसीमन हो चुका है। इस वजह से अधिकांश समय टीकमगढ़ खजुराहो लोकसभा सीट में शामिल रहा। वर्ष 1977 से वर्ष 2004 तक टीकमगढ़ जिले का अधिकांश हिस्सा खजुराहो सीट के साथ रहा। टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र का वर्तमान स्वरूप वर्ष 2009 के चुनाव से अस्तित्व में आया। खजुराहो अलग सीट बना दी गई। खास बात यह भी है कि अधिकांश समय यह सीट आरक्षित रही।

Report By:
Author
Ankit tiwari