Loading...
अभी-अभी:

जन्मदिन विशेष: तीन दशकों से सिने प्रेमियों को लुभा रहे अनुपम खेर 

image

Mar 7, 2018

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर का आज जन्मदिन है अनुपम का नाम उन अभिनेताओं में याद किया जाता है जिन्होंने लगभग तीन दशक से अपने दमदार अभिनय से सिने दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है आइए आज उनके जन्मदिन के अवसर पर एक नजर डालते है।
 
अनुपम खेर का बचपन
अनुपम खेर का जन्म 07 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। बचपन से ही उनकी ख्वाहिश अभिनेता बनने की थी। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अनुपम खेर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया। वर्ष 1978 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह रंगमंच से जुड़ गये।

फिल्मी दुनिया में रखा कदम
अस्सी के दशक में अभिनेता बनने का सपना लिये हुये उन्होंने मुंबई में कदम रखा। बतौर अभिनेता उन्हें वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म आगमन में काम करने का मौका मिला, लेकिन फिल्म के असफल हो जाने के बाद वह फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके। वर्ष 1984 में अनुपम खेर को महेश भट्ट की फिल्म सारांश में काम करने का अवसर मिला। अपने इस किरदार को अनुपम खेर ने दर्शकों का दिल जीत लिया। साथ ही सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये।

खलनायक बनने का मिला मौका
वर्ष 1986 में अनुपम खेर को सुभाष घई की फिल्म कर्मा में बतौर खलनायक काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके सामने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार थे लेकिन अनुपम खेर अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे। फिल्म की सफलता के बाद बतौर खलनायक वह अपनी पहचान बनाने में सफल रहे।

अनुपम खेर ने अपनी भूमिकाओं में किया परिवर्तन 
अभिनेता के रूप में स्थापित करने के लिये अनुपम खेर ने अपनी भूमिकाओं में परिवर्तन किया। इस क्रम में वर्ष 1989 में प्रदर्शित सुभाष घई की सुपरहिट फिल्म राम लखन में उनके दमदार अभिनय के लिये सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

अपने भावुक किरदार से हुए मशहूर
वर्ष 1989 में अनुपम खेर के सिने करियर की एक और अहम फिल्म डैडी प्रदर्शित हुयी। फिल्म में अपने भावुक किरदार को अनुपम खेर ने सधे हुये अंदाज में निभाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर समीक्षक पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार के स्पेशल ज्यूरी पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये। वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म ओम जय जगदीश के जरिये अनुपम खेर ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा। हालांकि फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह से विफल साबित हुयी। 

आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजे गए अनुपम खेर
अनुपम खेर को अपने सिने करियर में आठ बार फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद अनुपम खेर नेशनल सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष भी बने।  फिल्म क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये अनुपम खेर को पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। अनुपम खेर ने अपने तीन दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फिल्मों में काम किया है।