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दुर्लभ प्रजाति के कछुए की हो रही थी तस्करी, आरोपी गिरफ्तार

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Sep 7, 2017

सागर : बीते  मई माह में  सागर वन विभाग की टीम ने पेंगोलिन की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को पकड़ा था। उसी जांच और पूछताछ के सहारे भोपाल और सागर की एसटीएफ वन विभाग की टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी हैं।

जब इस टीम ने लाल तिलक धारी कछुएं की तस्करी करने वाले आरोपी को मुरैना से धर दबोचा। यह कछुआ दुर्लभ प्रजाति का हैं। मयांमार, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों के बाजारों में इसकी तस्करी की जाती हैं।

यह कछुआ आम कछुआ नहीं बल्कि लाल तिलक धारी कछुआ हैं। जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बड़े स्तर पर तस्करी होती हैं। इस कछुए की तस्करी पेंगोलिन के साथ बड़े पैमाने में होती हैं। पेंगोलिन और लाल तिलक धारी की तस्करी करने वाले आरोपियों को वन विभाग की टीम पकड़ चुकी हैं। कई आरोपी अभी भी फरार हैं।

यूपी के एक आरोपी रामसिंग की निशानदेही पर एसटीएफ वन विभाग की टीम ने आज मुरैना से कैलाश को तीन कछुओं के साथ रंगे हाथों पकड़कर हिरासत  में लिया हैं। यह कछुआ पूरे देश में सिर्फ चम्बल इलाके में मिलता हैं। यह दुर्लभ प्रजाति का हैं।  इस वजह से मुरैना के देवरी क्षेत्र में घड़ियाल ईको सेंटर में इसे सुरक्षित रखा जाता हैं।

वन विभाग के अधिकारियों की माने तो कैलाश मछली पकड़ने का काम करता हैं और अक्सर उसी इलाके में यह मछली पकड़ता हैं। जहां कछुओं को ईको सेंटर में रखा गया हैं। वन विभाग की माने तो इस कछुए की तस्करी देश के चेन्नई, कलकत्ता, उड़ीसा, यूपी और महाराष्ट्र के कई जिलों में होती हैं।

 जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार में इसकी बड़ी मांग हैं। इसका उपयोग उत्तेजक दवाओं के साथ कई अन्य औषधी बनाने में होता आया हैं।