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पत्थर कारोबारियों ने डिप्टी रेंजर को बनाया बंधक

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Jul 27, 2017

ग्वालियर : डीएफओ विक्रम सिंह परिहार एक बार फिर विवादों में हैं। गुरूवार को फॉरेस्ट की टीम स्टोन पार्क में पत्थरों की जांच करने पहुंची थी। इस बीच पत्थर कारोबारियों ने फॉरेस्ट के डिप्टी रेंजर को बंधक बना लिया। कारोबारियों का कहना था कि वे उनसे रिश्वत मांगने आए थे। आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची और रेंजर को मुक्त कराया।

ग्वालियर डीएफओ और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे ये लोग स्टोन पार्क के कारोबारी हैं। जिन्होनें डिप्टी रेंजर हरबल्लभ चतुर्वेदी को बंधक बना लिया हैं। कारोबारियों का आरोप हैं कि वे उनकी फैक्ट्री में आकर रिश्वत की मांग कर रहे थे, जबकि उनके पास जो पत्थर हैं, वह मुरैना जिले से आया हुआ हैं, साथ ही उस पर जीएसटी कटा हुआ हैं, लेकिन वह डीएफओ के नाम पर पैसों की मांग कर रहा था।

फॉरेस्ट के डिप्टी रेंजर हरबल्लभ चतुर्वेदी के बंधक बनाएं जाने की खबर लगते ही पुलिस और वन विभाग के अलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच पत्थर कारोबारियों ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही डिप्टी रेंजर हरबल्लभ चतुर्वेदी को संस्पेंड करने की मांग करने लगे। व्यापारियों का कहना था कि डीएफओ विक्रम परिहार ने ग्वालियर में सारी खदानों को बंद कर दिया हैं, ऐसे में वे लोग पत्थर को दूसरे जिले से मंगा रहे हैं, तो वन विभाग रिश्वत की मांग कर रहा हैं।

पुलिस के दबाब में पत्थर कारोबारियों ने डिप्टी रेंजर को छोड़ दिया, लेकिन डीएफओ ऑफिस का घेराव कर दिया। जब डीएफओ अपने चेंबर से बाहर नहीं निकले तो उन्होंनें जमकर डीएफओ के खिलाफ नारेबाजी की और उन पर गंभीर आरोप भी लगाएं। बावजूद इसके डीएफओ ने अपना कोई पक्ष नहीं रखा, जबकि एसडीओ को आगे कर दिया। एसडीओ के मुताबिक उन्हें अवैध पत्थर की सूचना मिली थी।

ग्वालियर में इन दिनों सफेद पत्थर की खदानें बंद पड़ी हैं। ऐसे में पत्थर कारोबारी सफेद पत्थर को दूसरे जिलों से ला रहे हैं, लेकिन उसमें वन विभाग अपनी रॉयल्टी और रिश्वत की मांग कर रहा हैं। ऐसे में हर रोज फॉरेस्ट और पत्थर कारोबारियों में झड़प की घटनाएं समाने आ रही हैं।