Aug 22, 2017
भोपाल : बैंक यूनियन अपनी मागों को लेकर आज एक दिन के हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में देशभर के करीब 10लाख बैंक कर्मचारी शामिल है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बैंकों के रोजमर्रा के कामों में काफी असर पड़ा। हड़ताल की वजह से सरकारी बैंकों में रोजर्मरा का काम प्रभावित रहा। देश के बैंकिंग कारोबार का 75 फीसद हिस्सा 21 सरकारी बैंकों के हाथ में है। आपको बता दें कि बैंक यूनियन केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव के विरोध में हड़ताल पर गए हैं, जिसमें निजी बैंकों के विलय और बैंकों के निजीकरण की बात सामने आ रही है।
बैंक कर्मियों ने सरकार को चेताया हैं कि आज कि एक दिवसीय हड़ताल के बाद अगामी समय में 15 सितम्बर को देशभर के बैंक कर्मी जंतर-मंतर में जाकर धरने पर बैठेंगे और अगामी अक्टूबर–नवम्बर में दो दिवसीय हड़ताल की जाएगी।
हड़ताल से जु़ड़ी तीन बड़ी बातें -
1- सरकारी बैंकों में हड़ताल की वजह से चेक क्लीयरेंस, एनईएफटी\आरटीजीएस के जरिये होने वाला लेन-देन और खातों में पैसा जमा कराने और निकालने काम प्रभावित रहा।
2- चेक क्लीयरेंस को छोड़कर आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक में रोजमर्रा का काम प्रभावित नहीं हुआ।
3- बैंक एसोसिएशन की खास मांगों में बैंक चार्ज में हुए इजाफे की वापसी, एनपीए की सख्ती से वसूली नहीं करना, संसदीय समितियों की अनुशंसाओं को लागू करना, एफआरडीआई बिल वापस लेना, वहीं बड़े बकायेदारों को अपराधी घोषित करने के साथ ही जीएसटी का बोझ ग्राहकों पर नहीं डालने की मांग की गई है। UFBU ने बैंकों के डूबते कर्ज़ (NPA)के बढ़ते आंकड़ों पर भी चिंता जताई है।
बैंकों की एक दिवसीय हड़ताल के साथ ही पैनल की सिफारिशें लागू नहीं करने को लेकर नेशनल फेडरेशन ऑफ पोस्टल इम्पलॉयज ने भी 23 अगस्त (बुधवार) को एक दिन की हड़ताल की धमकी दी है।