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मां के लिए इंजीनियर ने बनाई दुनिया की पहली वल्ड क्लास बायो टॉयलेट चेयर  

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Sep 6, 2017

ग्वालियर : एक इंजीनियर ने वल्ड क्लास की एक बायो टॉयलेट चेयर बनाई हैं, जो उन बुजुर्गों और मरीजों के लिए मुफिद हैं, जो बिस्तर से उठ नहीं पाते हैं। साथ ही अपना मल बेड पर ही छोड़ देते हैं। ऐसे में इस चेयर की तरीफ केंद्र सरकार के नुमाइंदे भी कर रहे हैं। साथ ही उसे स्वच्छ भारत मिशन में भी शामिल कर रहे हैं।

ग्वालियर के जयसिंह नरवरिया पेशे से सरकारी अधिकारी हैं। बीते कुछ सालों से स्वच्छता मिशन के लिए काम कर रहे हैं। पथरीले क्षेत्र में बायो टॉयलेट बनाने की उपलब्धि हासिल कर चुके हैं, लेकिन जब मां की तबियत खराब हुई और वे अशक्त हुई, तो सबसे ज्यादा कष्ट शौच को लेकर होने लगा। जिसके बाद उन्होनें एक बायो टॉयलेट चेयर बनाई हैं।

तकनीकी परियोजना अधिकारी जिला पंचायत जयसिंह नरवरिया ने बताया कि मां की तबियत खराब रहती थी, उनको टॉयलेट सीट पर बैठने में प्रॉब्लम होती थी। उनकी इस तकलीफ से आइडिया आया और बायो टॉयलेट पर तो काम कर ही रहा था, इस तरह की टॉयलेट चेयर बना दी।  

जयसिंह नरवरिया प्रतिदिन अपनी मां को उठाकर ले जाना और सीट पर न बैठ पाने की मजबूरी देखना ही नीयत बन रही थी। एक रात मां को कष्ट हुआ तो इंजीनियर और उनकी पत्नी दोनों उठाकर ले गए, लेकिन कष्ट वहीं था सीट पर न बैठ पाना।

हर दिन होने वाले इस कष्ट को ध्यान में रख दो महीने में ही देश की पहली बायो डाइजेस्टर स्मार्ट चेयर बना दी। जिसमें न मल की बदबू और न ही मल फेंकने की समस्या थी। इनबिल्ट टैंक में मौजूद बैक्टीरिया मल को डाइजेस्ट कर देता हैं और सिर्फ पानी ही बाहर निकलता हैं।  

इस चेयर का इस्तेमाल बुजुर्गों की देखभाल के लिए तो हैं ही, इसके अलावा सिंगल बैडरूम घर, लंबी दूरी की यात्रा करने वाली बस, वैनिटी वैन और लग्जरी कारों में भी किया जा सकता हैं। इसके अलावा अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपयेाग में कुर्सी आएगी और पैरों से नि:शक्त दिव्यांगों को भी बायो डाइजेस्टर चेयर राहत दे सकेगी।

देश और विदेश में सभी जगह बेहतरीन ऑटोमेटिक टॉयलेट चेयर बनाई गई हैं। इन सभी में मल के हिस्से को बाहर निकालकर फेंकने जाना पड़ता हैं, लेकिन ग्वालियर में बनी इस चेयर में इन बिल्ट चैंबर को बाहर नहीं निकालना पड़ता हैं। मल भी पानी बनकर बाहर निकलता हैं। इस पानी का इस्तेमाल पौधों में खाद के लिए किया जा सकता हैं।

वाहनों में लगाने पर भी सड़क पर मल नहीं फैलेगा, सिर्फ पानी ही फैलेगा, जिससे कोई नुकसान नहीं होगा। जयसिंह के द्वारा बनाई गई ये चेयर देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई प्रतियोगिता में प्रथम आ चुकी हैं, साथ ही इस चेयर की तरीफ खुद शहरी विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कर चुकें हैं।