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जेयू में मार्कशीट घोटाले का मामला उजागर, फर्जी सूची से करेक्शन के जरिए बनवा रहे नकली मार्कशीट

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Dec 14, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा : ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में पिछले दिनों उजागर हुए मार्कशीट घोटाले में अभी तक रैकेट से जुड़े लोगों को खोजा नहीं जा सका है। विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग ने भी परीक्षा नियंत्रक को कार्रवाई का मसौदा नहीं सौंपा है। गोपनीय विभाग को करीब 20 छात्रों के रिजल्ट निरस्त करने की प्रक्रिया पूरी कर परीक्षा एवं गोपनीय विभाग की रिपोर्ट नियंत्रक को सौंपी जानी थी लेकिन अभी तक यह रिपोर्ट सौंपी नहीं गई है ।जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि विश्वविद्यालय में एक सुनियोजित रैकेट काम कर रहा है जो फर्जी सूची से करेक्शन के जरिए नकली मार्कशीट बनवाने में सक्रिय है।

दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रों का रिजल्ट तैयार करने वाली कोलकाता की कंपनी ने परीक्षा नियंत्रक को बताया था कि उसके पास कुछ मार्कशीट करेक्शन के लिए आई है लेकिन उनके पास जो अंको की सूची है वह से मेल नहीं खा रही है ।परीक्षा नियंत्रक राकेश कुशवाहा ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि 20 छात्र ऐसे हैं जिनके मूल अंक सूची और परीक्षा भवन से जारी की गई अंकसूची मे भिन्नता है। परीक्षा नियंत्रक ने गोपनीय विभाग को जांच सौंपी थी और इन छात्रों का रिजल्ट निरस्त करने के निर्देश दिए थे। छात्रों को उनका पक्ष रखने के लिए पहली दिसंबर को बुलाया गया था लेकिन छात्र नहीं पहुंचे।

ऐसे में अब विश्वविद्यालय को इन छात्रों के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा वहीं इस मामले में परीक्षा और गोपनीय विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। मामला पुलिस में भी अभी तक नहीं गया है जिससे रैकेट के साथ विश्वविद्यालय से भी जुड़े होने का संदेह जताया जा रहा है ।इस मामले में विश्वविद्यालय का कहना है कि छात्रों का रिजल्ट निरस्त करने के साथ ही अग्रिम कार्रवाई के लिए मामला जल्द ही पुलिस को सौंपा जाएगा।