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पोषण पुनर्वास केंद्र में घट रही कुपोषित बच्चों की संख्या

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Sep 25, 2018

हरदा जिला मुख्यालय पर दिनों दिन पोषण आहार केंद्र में भर्ती बच्चो की संख्या कम हो रही है।पिछले नो महीने में यहां केवल 135 बच्चे ही भर्ती हो पाए हैं।जबकि जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या भर्ती बच्चों से कही ज्यादा है। कुपोषण को मिटाने के लिए सरकार द्वारा भले लाख प्रयास किए जा रहे हो और करोड़ो रूपये खर्च किए जा रहे हो लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से कुपोषण को मिटाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।हरदा जिला मुख्यालय पर अति कुपोषित बच्चो की देख रेख के लिए बना कुपोषण पुनर्वास केंद्र के पलंग खाली पड़े हुए हैं।

यह पिछले नो महीने में मात्र 135 बच्चों को ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा भर्ती कराया गया है।यहां हर महीने 20 बच्चों को भर्ती किया जा सकता है लेकिन नो महीने में कुल भर्ती बच्चों की संख्या 180 के मुकाबले 135 बच्चों को ही महिला बाल विकास विभाग के द्वारा भर्ती कराया गया है।पिछले दिनों हरदा की एक निजी होटल में कुपोषण अभियान से सफलता नही मिल पाने के चलते महिला बाल विकास विभाग ने अलग समाज के धर्म गुरुओं का सहारा लेकर इस अभियान से निपटने की तैयारी की है।

हरदा नगर पालिका के अंतर्गत कुल 83 आंगनबाड़ी है।वही हरदा जिला मुख्यालय पर ही 65 बच्चों को कुपोषित होना पाया गया है।हर वार्ड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पदस्थ है।बावजूद इसके यहां कुपोषित बच्चे भर्ती नही हो पा रहे हैं।महिला बाल विकास के द्वारा जमीनी स्तर पर कुपोषण को।मिटाने के लिए सही प्लांनिग नही बनाई गई है।परिणामस्वरूप सरकार के अनेकों प्रकार के कार्यक्रम पर करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी नतीजा सिफर है।गत दिवस हरदा कलेक्टर एस विश्वनाथन ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कुपोषण पुनर्वास केंद्र के खाली पलंग को देखकर नाराजगी जताई थी।