Feb 27, 2018
मध्य प्रदेश की चंबल घाटी में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आ रही है। ताजा आंकड़े हैरान करने वाले हैं। जिसमें कार्यस्थल पर महिलाओं को लगभग हर दिन दोहरे अर्थ वाले संवाद लैंगिक इशारे सहित मानसिक व शारीरिक हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। अकेले ग्वालियर जिले में जनवरी 2018 तक 1145 मामले महिला सशक्तिकरण मैं इस मामले में स्थानीय परिवार समिति में दर्ज हुए हैं। देखा जाए तो हर दिन 3.1 बार और महीने में 95 महिलाओं को किसी न किसी प्रकार की हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है।
ग्वालियर चंबल अंचल में महिलाओं और युवतियों के साथ कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा में जहां 70 फीसदी मामले में ज्यादा उम्र के पुरुषों का नाम सामने आया है वहीं महिलाओं और किशोरियों के साथ यौन उत्पीड़न में घर के नजदीकी संबंध रखने वाले पुरुष युवक और किशोर कारण बने हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि सरकार इसको लेकर सख्त कानून बना चुकी है। बावजूद इसके मामलों में तेजी आ रही है, स्वंय सेवी संस्थाओं की बात माने तो ग्वालियर चंबल अंचल में महिलाओं के साथ हिंसा के मामलों में तेजी आयी है।
वैसे महिलाओं के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार होने पर पुलिस के ना सुनने पर महिला सशक्तिकरण में शिकायत की जाती है। कार्यस्थल पर लैंगिक हिंसा होने पर आंतरिक परिवार समिति और जिला स्तर पर स्थानीय परिवार समिति में शिकायत की जा सकती है। महिलाओं की सुनवाई के लिए गठित समितियों में स्वर्ण वर्ग, अल्पसंख्यक और सामाजिक संगठन के महिलाओं को सदस्य बनाया जाता है। बावजूद इसके यह मामले रुकने की वजह और तेजी से बढ़ रहे हैं। वही जिले के एसपी का कहना है कि कुछ मामलों में कमी आयी है।
· 70 फीसदी अधेड़ उम्र करते है छेडछाड़
· 73.9 फीसदी अपराध ग्वालियर में दर्ज।
· जनवरी 2017 से जनवरी 2018 तक 1145 मामले ग्वालियर में दर्ज।
· हर महीने 95 महिलाएं व युवती शिकार
बहरहाल सरकार महिलाओं और युवतियों के ऊपर होने वाले अपराधों के मामले में कई कानून बना चुकी है बावजूद इसके ये मामले घटने के साथ-साथ और तेजी से बढ़ रहे है। जिस पर पुलिस से लेकर महिला सशक्तिकरण आधिकारी कम करने के लाख दावे कर रहे है, बावजूद इसके ये मामले तेजी से बढ़ रहे है।