Nov 20, 2016
भोपाल। अब देश में आयुष, आयुर्वेद और सिद्धा मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसर, व्याख्याता और एसोसिएट प्रोफेसर की आयु सीमा बढ़ा दी गई हैं। भारत सरकार की सहमति पर सेंट्रल काउंसिल ऑफ इण्डियन मेडिसिन द्वारा 1970 की धारा 36 के अनुसार प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये यह निर्णय लिया गया है।
सेंट्रल काउंसिल ऑफ इण्डियन मेडिसिन के इस निर्णय के बाद से देश के सभी निजी आयुर्वेद, यूनानी व सिद्धा मेडिकल कॉलेजों मे असिस्टेंट प्रोफेसर लेक्चरर के पद पर नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा 40 से बढाकर 45 साल कर दी गई है। जबकि एसोसिएट प्रोफेसर रीडर की 50 साल अथवा लेक्चरर ज्वाइनिंग से पांच वर्ष का अनुभव और प्रोफेसर के लिए कुल 10 वर्ष का अनुभव व आयु 55 वर्ष कर दी है । इसके साथ ही सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष कर दी गई है ।
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि मध्यप्रदेश मे 14 आयुर्वेद, 4 यूनानी व एक सिद्धा कॉलेज हैं। वहीं छत्तीसगढ मे 5 आयुर्वेद 2 यूनानी तथा राजस्थान मे 9 आयुर्वेद 3 यूनानी तथा 3 सिद्धा कॉलेजों के साथ देश मे कुल 323 आयुष कॉलेज संचालित हैं। डॉ राकेश पाण्डेय कहते हैं कि शासकीय आयुष कॉलेजों मे भी अगर यह आयु सीमा बढाकर 45 कर दी जाए तो चिकित्सा शिक्षकों की पूर्ति हो सकेगी जिससे अनेक ऐसे शासकीय आयुष संस्थान जिनको मान्यता नही है वो चिकित्सकों की भर्ती कर मान्यता ले सकेंगे।