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भोपाल गैस त्रासदी के 34 साल पूरे लेकिन त्रासदी का असर आज तक कायम

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Dec 3, 2018

दुर्गेश गुप्ता : भोपाल गैस त्रासदी के 34 साल पूरे होने पर गैस पीडितो ने सिंधी चौराहे से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री तक मसाल जुलूस निकला साथ ही मौजूदा सरकार से इसांफ की मांग की गौरबतलब है कि 3 दिसम्बर 1984 को भोपाल में हुई गैस त्रासदी से हज़ारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी और जो बच गये थे वो आज भी कही ना कही गैस के प्रभाव से या तो विकलाँगता का घूँट पी रहे हैं या फिर कई प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं।

गैस पीड़ितों के हक़ के लिए आवाज़ उठाने वाली रचना ढींगरा ने बताया कि आज गैस त्रासदी की 34 वी वर्षगाँठ है लिहाज़ा आज उस अंधेरी मौत की काली रात को 34 साल पूरे हो गए हैं मगर गैस पीड़ितों को आज भी उचित मुआवजा नहीं मिल सका। गैस त्रासदी से सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाक़ा जेपी नगर के रहवासियों को सरकार की तरफ़ से आज तक मात्र 25000 का मुआबजा दिया गया है उसके अलावा सरकार ने गैस पीङितों को सिर्फ एक दुधारु गाय की तरह उपयोग करती आई है।

पुनर्वास योजना के नाम पर केवल पीड़ितो को गुमराह किया गया है साथ ही मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है की मौजूदा सरकार ना ही आज तक उन कम्पनियों को बन्द कर पाई और ना ही दोषियों को सजा दे पाई। लिहाजा कांग्रेस और बीजेपी दोनो दल कम्पनियों के साथ मिले हुए हैं वहीं मौजूद एक गैस पीङित ने स्वराज एक्सप्रेस से खास बातचीत के दौरान 34 साल बाद भी गैस के प्रभाव से होने वाली बीमारी को बताते हुए कहा की सरकार के द्वारा गैस पीङितो के लिए घोषणा की जाने वाली सुविधाएं कोरी मात्र हैं ना तो आज तक गैस पीङितो के लिए उचित इलाज मिला ना ही सरकार ने मुआवजा दिया गया हम आज भी उस जहरीली गैस के प्रभाव से जूझ रहे हैं मगर सरकार ने हमारे लिए आखों पर पट्टी बाधँ रखी है।