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इंदौर जिला जेल में पहली बार महिला जेल अधीक्षक की नियुक्ति!

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Feb 7, 2018

इंदौर। आपको बता दें कि इंदौर जिला जेल में पहली बार किसी महिला जेल अधीक्षक की नियुक्ति हुई है। और महिला जेल अधीक्षक ने आते ही सबसे पहले जेल में बंद महिला कैदियों से मुलाक़ात की और उनकी समस्याओ को सुना और आशवासन भी दिया की आने वाले समय में महिला बंदियों के लिए जेल में अलग-अलग तरह की व्यवस्था की जायेगी।

गौरतलब है कि इंदौर की जेल हमेशा विवादों में रहती है। चाहे बात सुरक्षा की हो या फिर अन्य तरह की व्यवस्थाओं की हो, सभी को लेकर इंदौर की केंद्रीय जेल और जिला जेल दोनों हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। लेकिन इंदौर की जिला जेल इस बार अलग काम के कारण सुर्खियों में है। इंदौर की जिला जेल में सरकार ने पहली बार किसी महिला जेल अधीक्षक की नियुक्ति की  है। पिछले महीने की 25 तारीख को महिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने पदभार ग्रहण किया और आते ही सबसे पहले इंदौर की जेलों में वीआईपी मुलाक़ात के दौर को उन्होंने खत्म कर दिया और इसके लिए अलग से दिशा निर्देश भी जारी कर दिए।

वही यदि बात करे तो इंदौर की जिला जेल में पुरुष बंदी और महिला बंदियों को मिलाकर तकरीबन 1500 से अधिक कैदी बंद है। और इन पंद्रह सो बंदियों में से 300 के आसपास महिला कैदी भी इंदौर की जिला जेल में है। यदि बात करे महिला कैदियो के बारे में तो अभी तक इंदौर की जिला जेल में जो भी जेल अधीक्षक आये वो सभी पुरुष ही थे जिसके कारण जिला जेल में बंद महिला बंदियों की परेशानियो को आज तक नहीं सुना जा सका। लेकिन महिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने आते ही सबसे पहले महिला बंदियों की समस्याओं को सुना।

इस दौरान महिला कैदियो ने जेल अधीक्षक से कई परेशानियो का जिक्र किया, उन परेशानियों में सबसे अहम परेशानी थी की महिला बंदियों से मुलाक़ात के लिए उनके परिजन कई सालो से नहीं आ रहे थे। साथ ही कई महिला कैदियो की उम्र भी काफी हो गई है उनके लिए जिला जेल के अंदर ही स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही अन्य व्यवस्था करने पर महिला जेल अधीक्षक विचार कर रही है।

वहीं कुछ महिला कैदियो ने बाथरूम और अन्य तरह की समस्याओ से भी जेल अधीक्षक को अवगत करवाया। कुछ महिला कैदियों ने बताया कि उनका केस कोर्ट में चल रहा है लेकिन काफी सुनवाई होने के बाद भी उनका वकील उनकी तरफ से किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। और केस के कारण काफी सालो से जिला जेल में ही रहना पड़ रहा है। इसको लेकर महिला जेल अधीक्षक ने विधि विभाग बनाने की बात भी कही साथ ही बताया की आने वाले दिनों में जो भी महिला कैदी की कोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही है उसको जिला जेल एक वकील मुहया करवाई की साथ ही महिला जेल अधीक्षक ने महिलाओ की सुरक्षा को लेकर भी प्लानिंग की है।