Dec 23, 2018
धर्मेन्द्र शर्मा - ग्वालियर के आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज से मृत मानव शरीर नहीं मिलने से उनके प्रैक्टिकल में बड़ी दिक्कत आ रही है और छात्र स्टोर कर रखे गए मानव अंगों से ही प्रैक्टिकल करने का प्रयास कर रहे हैं दरअसल आमखो स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्रों को प्रैक्टिकल करने के लिए मृत मानव शरीर की जरूरत होती है, जिस पर प्रैक्टिकल के जरिए मानव शरीर की संरचना पर इलाज का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया जाता है।
जिसके लिए आयुर्वेदिक कॉलेज प्रबंधन प्रदेश सरकार के नियमानुसार सीधे तौर पर डेड बॉडी को उपलब्ध नहीं कर सकता है, इसके लिए वे गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के भरोसे रहते हैं, मेडिकल कॉलेज उन्हें डेड बॉडी उपलब्ध कराता है लेकिन काफी समय से आयुर्वेदिक कॉलेज को डेड बॉडी उपलब्ध नहीं कराई गई है जिसके चलते कई बार छात्रों को मानव शरीर प्रैक्टिकल में परेशानी आती है।
हालांकि कुछ समय पहले मेडिकल कॉलेज ने आयुर्वेदिक कॉलेज को दो बॉडी उपलब्ध कराई थी लेकिन वे नाकाफी है अब एक बार फिर से आयुर्वेदिक प्रबंधन ने मेडिकल कॉलेज से डेड बॉडी की मांग की है ऐसे में शोध कर रहे विद्यार्थियों की सबसे बड़ी परेशानी है, कि बॉडी ना मिलने की स्थिति में उन्हें स्टोर करके रखे गए मानव शरीर अंगों से ही प्रैक्टिकल के जरिए सीखने का मौका मिलता है अगर सही समय पर डेड बॉडी छात्रों को उपलब्ध होती रहे तो उन्हें मानव संरचना को बारीकी से समझने का मौका मिलेगा और वे भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाए दे सकेंगे।