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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पार्क प्रवेश के नाम पर कालाबाजारी

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Oct 17, 2018

दिनेश भट्ट : बांधवगढ टाईगर रिजर्व में इस समय बंसत के जैसा मौसम बना हुआ है, इसके बावजूद भी अधिकांश रिसोर्ट और होटल खाली है। इसका सबसे बडा कारण है यहां पार्क प्रवेश के लिए हो रही टिकटों की कालाबाजारी। एड आॅन लाईन के आधार बुकिंग के नाम पार्क प्रबन्धन की मिलीभगत से होटल व्यवसायी के द्वारा खुलके कालाबाजारी की जा रही है।  पार्क प्रबन्धन की मिलीभगत से स्थानीय होटल और  रिसोर्ट कर्मचारियों एड आॅन टिकटों के माध्यम से आसानी से कालाबाजारी कर रहे हैं। एड आॅन टिकटों की काला बाजारी के लिए जबलपुर के टूर आॅपरेटर सप्तर्षि सहगल और बैंगलुरू के वाईल्ड लाइफ फोटोग्राफर समीर चोरडिया ने इसके लिए चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन से षिकायत की है। लेकिन उनकी षिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण यह समस्या और ज्यादा गंभीर होती जा रही है।

एड आॅन टिकटों के माध्यम से आसानी से की जा रही कालाबाजारी  बांधवगढ के बाघों का दीदार करने के लिए कितनी उत्सुकता रहती है, इसे समझने के लिए आॅन लाईन बुकिंग की पार्क खुलने के प्रारम्भिक दिनों की स्थिति को देखकर समझा जा सकता है। आगामी 7 दिनों के लिए पार्क की सभी आॅन लाईन बुकिंग फुल थी। पार्क में स्थित 1000 रिसोर्टों और होटलों के कर्मचारियों  एड आन टिकट के माध्यम से जो कालाबाजारी का खेल शुरू कर देते है। आॅनलाईन बुकिंग हमेषा फुल दिखाई देती है, लेकिन इन होटलों और रिसोर्टों में आने वाले पर्यटकों के लिए कभी भी टिकट की कमी नहीं रहती है। प्राक्सी तरीके से एड आन टिकटों को खरीद लिया जाता है। फिर मनमाने रेट में सैलानियों से इसकी कीमत वसूल की जाती है। आलम यह है कि जितनी निर्धारित जिप्सियों को पार्क में प्रवेष का मौका मिलता है उससे आधी ही जिप्सियां पार्क में जा रही है। रविवार का दिन होने के बावजूद पार्क में मात्र आज केवल 25 ही जिप्सियों ही जा सकी।  

पार्क खुलने के समय सबसे बडी खुषी सैलानियों के लिए यही थी कि आॅनलाईन बुकिग फुल होने के बावजूद 6 जिप्सियां उनके लिए रैण्डमली रखी गयी थी। रैण्डमली 6 जिप्सियों के माध्यम से बुकिंग खिडकी से वे पार्क में बाघ और अन्य वन्यप्राणियांे के देखने के लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही 6 अन्य जिप्सियां मध्यप्रदेष टूरिज्म के लिए आरक्षित रखी गयी। कुल 12 जिप्सियों के अलावा दोनों पालियों में 111 अन्य जिप्सियों को पार्क में प्रवेष करने का मौका मिलता है। सुबह की पाली में 56 जिप्सियां और शाम के समय 55 जिप्सियों को पार्क में प्रवेष करने दिया जायेगा।  रैण्डमली जिप्सियों के माध्यम से जिन्हें सीधे बुकिंग खिडकी से दिया जा रहा है। रैण्डमली जिप्सियों की कुल संख्या 6 है। एक जिप्सी में 6 पर्यटक जा सकते हैं, लेकिन उसके स्थान पर एक जिप्सी में केवल एक पर्यटक को मौका दिया जा रहा है। शेष बची हुए 5 सीटों को स्थानीय होटल और  रिसोर्ट कर्मचारियों एड आॅन टिकटों के माध्यम से आसानी से कालाबाजारी कर रहे हैं। एड आॅन टिकटों की काला बाजारी के लिए जबलपुर के टॅूर आपरेटर सप्तर्षि सहगल का कहना है कि दषहरे और दीवाली के अवसरों पर एड आॅन टिकट का नहीं मिलना अपने आप में एक धांधली है। बैंगलुरू के वाईल्ड लाइफ फोटोग्राफर समीर चोरडिया जो अपने पेषे के सिलसिले में साल में तीन से चार बार बांधवगढ आते है। उसके द्वारा भी एडआॅन टिकट के लिए चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन से षिकायत की गयी है। इसके अलावा स्थानीय और रेगुलर विजिट करने वाले सैलानियों के द्वारा भी इसकी षिकायत की गयी। लेकिन उनकी षिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण यह समस्या और ज्यादा गंभीर होती जा रही है।

प्राक्सी तरीके से एड आन टिकटों को खरीद लिया जाता है। फिर मनमाने रेट में सैलानियों से इसकी कीमत वसूल की जाती है। आलम यह है कि जितनी निर्धारित जिप्सियों को पार्क में प्रवेष का मौका मिलता है उससे आधी ही जिप्सियां पार्क में जा रही है। रविवार का दिन होने के बावजूद पार्क में मात्र आज केवल 25 ही जिप्सियों ही जा सकी। 

पिछले साल प्रदेश स्तर पर सैलानियों के साथ अच्छे व्यवहार के लिए पार्क को पुरूस्कार मिल चुका है। बाघों को विष्व में घनत्व के आधार में सबसे अधिक होने व पर्यटकों को दी जाने वाली राहत के कारण आॅनलाईन बुकिंग फुल हो रही हैं। पर्यटन जिलेे के लिए आर्थिक आधार का संबल भी बना हुआ है। पर्यटन के कारण जिले के 2000 हजार से अधिक परिवार सीधे या अपरोक्ष रूप से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में होटल व्यवसायियों द्वारा की जा रही काला बाजारी से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी नजर आ रही है। लगातार यदि इसी प्रकार से कालाबाजारी का खेल चलता रहा तो बांधवगढ में आने वाले सैलानियों को अन्य टाईगर रिजर्व की ओर रूख करना पड जायेगा। पूरे देष में टाईगर रिजर्व में प्रवेष करने के लिए होने वाली धांधली केवल इस पार्क में संभव है।