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छिन्दवाड़ाः सौसर में संतरे का बंपर उत्पादन, बेचने के लिए नहीं मिल रहे क्षेत्र में बाजार

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Dec 6, 2019

दिनेश धारपुरे - सौसर क्षेत्र संतरे के उत्पादन के लिए चर्चित क्षेत्र है। इस क्षेत्र में संतरे का बम्पर उत्पादन होने से इस क्षेत्र को सन्तरांचल के नाम से भी जाना जाता है और सौसर का संतरा देश के विभिन्न भागों में सप्लाई किया जता है। सौसर क्षेत्र में मुख्यतः साल में दो बार संतरे की फसल ली जाती है, एक तो अम्बिया और दूसरा मृग। किसानों का मानना है कि साल में एक ही फसल लेना चाहिए, जिससे पेड़ों की उम्र व पेड़ों का स्वास्थ्य ठीक रहता है। दो-दो फसल लेने पर पेड़ ज्यादा सालों तक फसल नहीं दे पाते। इसलिए अधिकांश किसान अम्बिया की फसल का उत्पादन करते हैं जो बहुत ही लाजवाब कॉम्बिनेशन का सन्तरा होता है और संतरे के शौकीनों को अपनी और आकर्षित करता है।

कोल्ड स्टोरेज बन्द पड़े, सम्बंधित विभाग करता है खानापूर्ती, संतरा उत्पादक योजना के लाभ से हैं वंचित

क्षेत्र में संतरे का बम्पर उत्पादन के चलते शासन भी संतरे की खेती के लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है और लोगों को संतरे के पौधे तक खेत में लगाने के लिए देती है, किन्तु जब संतरे की फसल का बंपर उत्पादन होता है, तो उन्हें बेचने के लिए कोई बाजार क्षेत्र में नहीं है और ना ही इस क्षेत्र में कोई सन्तरे की पोसेसिंग यूनिट, या उन्हें लंबे समय तक स्टोर करके रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज है। जो कोल्ड स्टोरेज इस क्षेत्र में बने हैं, वह महज शासन की जगह व सब्सिडी को हड़पने के बन्द पड़े हुए हैं। किसान चाहता है कि सन्तरे को कोल्ड स्टोरेज में रखकर उसे अच्छे दाम में बेचे किन्तु प्रशासन व जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के आश्वासन के तले उसके अरमानों पर हमेशा पानी फिर जाता है। फिर किसान व्यापारियों को औने पौने दाम में फसल बेचने को मजबूर होता है। क्षेत्र में बन्द पड़े कोल्ड स्टोरेज को शुरू करने के लिए कई बार किसानों ने शासन को अवगत कराया। किन्तु कुंभकर्णी रूपी प्रशासन की उदासीनता से सन्तरा उत्पादक किसान ठगा जा रहा है।