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सीएम का आग्रह, भावांतर योजना की 50 प्रतिशत राशि जारी करे सरकार

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Feb 13, 2018

भोपाल : हाल ही में सीएम चौहान ने कहा है कि भावांतर भुगतान योजना केन्द्र और राज्य के सहयोग से चलाये जाने वाली योजना है जिसमें केन्द्र और राज्य का 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। चौहान ने केन्द्रीय वित्त मंत्री जेटली से आग्रह किया कि इस योजना में केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी (50 प्रतिशत) की राशि यथाशीघ्र राज्य को जारी की जाये।  

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात कर किसानों को उनकी उपज के उचित दाम दिलाने के लिए प्रदेश में चल रही भावांतर भुगतान योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीएम चौहान ने उन्हें बताया कि इस योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार ने अभी तक 19 सौ करोड़ रुपये अपने संसाधनों से किसानों को वितरित कर दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड पैकेज, सर्वशिक्षा अभियान आदि की केन्द्र में लम्बित राशियों को शीघ्र जारी करवाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने वित्तमंत्री से सूखा राहत की केन्द्र में लम्बित 28 सौ करोड़ की राशि शीघ्र जारी करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी, 5384 करोड़ की नाबार्ड रिफाइनेंस की राशि के विषय पर भी केन्द्रीय वित्त मंत्री से चर्चा की। 

चौहान ने बताया कि अब किसान चार महीने बाद भी अपनी फसलों का भावांतर भुगतान योजना के तहत लाभ ले सकेगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में अब किसान चाहे तो चार महीने तक अपनी फसल को गोदामों में रख सकता है और उचित समय पर उचित दाम पर बेच सकता है। गोदामों का किराया राज्य सरकार वहन करेगी। साथ ही कुल अनाज की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान सरकार से किसान अपनी जरूरत के हिसाब से जब चाहे, ले सकेगें। 

मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय वित्त मंत्री जेटली को बताया कि भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ आमूलचूल परिवर्तन किये गये हैं जिससे किसानों को उनकी फसलों का समय पर उचित दाम मिल सकेगा।