Oct 21, 2018
दशरथ सिंह कट्ठा - झाबुआ जिले के मेघनगर नगर परिषद द्वारा दशहरा के दिन रावण दहन का आयोजन प्रति वर्ष अनुसार आयोजित किया जाता है जिसमें नगर व आसपास की आदिवासी अंचल की ग्रामीण जनता बुराई के प्रतीक रावण दहन को देखने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है। लेकिन इस वर्ष नगर परिषद द्वारा रावण का पुतला बनाने को लेकर यहां के नगर वासी काफी नाराज नजर आए इतना ही नहीं रावण का पुतला बनाने के लिए नगर परिषद द्वारा एक लाख खर्च किया गया तो वही मर्यादा पुरुषोत्तम राम लला एम लक्ष्मण हनुमान की झांकी के लिए मात्र 3500 रुपये का बजट दिया गया।
मेघनगर नगर परिषद रावण दहन मेघनगर में एक लाख से भी अधिक रुपए का उपयोग रावण का पुतला बनाने में किया गया लेकिन 1:30 मिनट भी रावण नहीं टिक पाया इतना ही नही रावण के साज सज्जा भी नही की गई न ही रावण के हाथ मे कोई शस्त्र था न ही तलवारस रावण के पुतला दहन में भ्रष्टाचार की हद तो जब हो गई जब रावण दहन के लिए नगर परिषद कर्मी को आसपास पड़े फटाके के कचरे से रावण को जलाने का प्रयास करना पड़ा न ही रावण के पुतले में उचित फटाके या सुखा चारा की व्यवस्था थी।
मेघनगर नगर परिषद द्वारा दस सिर का रावण का पुतला बनाया गया लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रावण का आलम यह रहा कि रावण दहन के बाद भी एक सिर नही जल पाया नगर परिषद द्वारा एक सिर न जलने के बाद कर्मियो द्वरा रावण के पुतले का सिर नीचे गिरने के बाद आम जनता ने रावण के न जले सिर को छिन्न भिन्न कर दिया पौराणिक कथाओं में यह भी लिखा रावण के पुतले का कोई हिस्सा या सिर नहीं जलता है तो नगर के विकास में बड़ी बाधा उत्पन्न होती है।