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राजधानी में जर्जर भवनों को गिराने की कार्रवाई रह गई अटक कर

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Jul 10, 2018

बाढ़ जैसे हालात बनने पर जर्जर इमारतो सहित हाउसिंग बोर्ड के मकान सहित अन्य चिह्नित स्थानों को देखा जा चुका है निगम  ने भवनों की सूची कलेक्टर को थमा दी है निगम चाहता है कि जिला प्रशासन इस काम को हाथ में ले जबकि कलेक्टर का कहना है कि कार्रवाई आप ही कीजिए हम पुलिसबल और अन्य सहायता के लिए तैयार हैं कलेक्टर ने तो नालों पर बनाए गए हाउसिंग बोर्ड के 250 मकानों की लीज खत्म करने की तैयारी कर ली है ये मकान 1976 में आंवटित हुए थे।

हाउसिंग बोर्ड के साथ बीडीए और नगर निगम को मिलाकर करीब 400 से ज्यादा मकान ऐसे हैं जो लीज समाप्ति की ओर हैं इनसे नालों के पास पानी का जमाव होता है गंभीर मसले पर इस तरह से पल्ला झाड़ने के दोनों के अलग अलग समीकरण हैं नगर निगम अगर कार्रवाई करेगा तो सत्ता पक्ष को नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि वोट बैंक प्रभावित होगा ऐसे ही जिला प्रशासन भी बर्र के छत्ते में हाथ डालना नहीं चाहता क्योंकि करीब 950 मकानों की संख्या बहुत अधिक है और चारों तरफ  का दबाव प्रशासन को ही झेलना पड़ेगा।

मानसून की दस्तक के साथ ही शहर में कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालत बनने लगे हैं समस्या का निपटान करने की जगह जिम्मेदारों का यह रवैया आने वाले दिनों में शहरवासियों की कितनी मुसीबत बढ़ाएगा यह तो कुछ ही दिन में साफ हो जाएगा लेकिन इस मामले ने निगम और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवानियां निशान खड़े कर दिए हैं।