Jul 27, 2018
फतेह सिंह : ग्राम कैलवास में एक परिवार को अपने परिजन का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में नहीं करने दिया गया वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि मुक्तिधाम का उदघाटन नहीं हुआ था। सिस्टम से हारे परिवार को अपने परिजन का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम की बजाए खुले आसमान के नीचे करना पड़ा।
बता दें ग्रामीणों की लंबी मांग के बाद गांव में बना मुक्तिधाम बीते एक साल से उदघाटन की बाट जोह रहा है मुक्तिधाम के गेट पर आज भी ताला लगा हुआ है और मुक्तिधाम होने के बावजूद ग्रामीणों को यहां अपने परिजनों के अंतिम संस्कार की इजाज़त नहीं है इंतज़ार है इस मुक्तिधाम के उद्घाटन का जो इंसानियत पर भी भारी पड़ रहा है।
दरअसल गांव में रहने वाले वाले रौशनलाल पटेल की हार्ट अटैक से मौत हो गई, परिजनों को मृतक का अंतिम संस्कार करना था लेकिन बारिश की आशंका के बाद भी उन्हें मुक्तिधाम मेें अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। परिजनों और स्थानीय सरपंच के मुताबिक जनपद सदस्य राजकुमार झारिया ने उद्घाटन ना होने की बात पर मुक्तिधाम के शेड के नीचे अंतिम संस्कार नहीं करने दिया और परिजनों को अंतिम संस्कार मजबूरन खुले आसमान के नीचे करना पड़ा।
गांव में इस घटना और ऐसी व्यवस्था को लेकर ख़ासा आक्रोश है गांव की सरपंच का भी कहना है कि ग्रामीणों की मांग को देखते हुए उन्होंने मुक्तिधाम का इस्तेमाल करने देने की वकालत की थी लेकिन जनपद सदस्य ने अपनी दबंगई दिखाते हुए ऐसा नहीं होने दिया। वहीं दूसरी ओर मुक्तिधाम का उद्घाटन ना होने पर उसका इस्तेमाल ना करने देने वाले जबलपुर जनपद पंचायत के सदस्य राजकुमार झारिया कैमरे के सामने आने राज़ी नहीं हुए।