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ग्राम पंचायतों में विकास के दावे हुए खोखले साबित, स्वराज एक्सप्रेस ने किया रियलिटि टेस्ट

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Jul 31, 2018

देवेंद्र पटेल : मध्यप्रदेश में विकास की दौड़ में शामिल होशंगाबाद की जमीनी हकीकत क्या है। इसका स्वराज एक्सप्रेस ने रियलिटी टेस्ट किया। ग्राम पंचायतों में विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। इस दौरान हमारा कैमरा बाबई तहसील की ग्रामपंचायत समौन इलाके में पहुंचा, जहां संवाददाता देवेन्द्र पटेल ने वहां रहने वाले स्कूली बच्चों और परिवारो का हाल जाना तो व्यवस्थाओ की कलई खुल गई। विकास के नाम पर यहां की तस्वीरें सिस्टम को ठेंगा दिखा रही हैं।

होशंगाबाद जिले की तहसील बाबई से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम समौन में जहां के नागरिक एवं स्कूली बच्चे दलदल भरे रास्ते से निकलने को मजबूर हैं इस कीचड़ एवं दलदल भरे  रास्ते से बच्चों को स्कूल जाने में फ़ज़ीयत तो हो ही रही है रास्ता इतना खराब है कि मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। जब इस संबंध में जनपद पंचायत कार्यपालन अधिकारी पूनम दुबे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने संबंध में कोई जानकारी देने से मना कर दिया।

ग्राम पंचायत समौन के वार्ड नं. 19 में बसे परिवार चुनाव आने पर जनप्रतिनिधियों को वोट तो देते है लेकिन इनकी याद नेताओ और प्रशासन को सिर्फ चुनाव के समय ही आती है।
वहीं जनपद पंचायत में जनप्रतिनिधि अपनी पीठ थपथपा रहें है।