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हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ ने लगाया जेयू पर एक लाख का जुर्माना!

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Mar 23, 2018

हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ ने जीवाजी विश्वविद्यालय पर एक लाख रूपये का हर्जाना लगाया हैं। यह हर्जाना बीएड की छात्रा दमयंती चोपड़ा की याचिका पर लगाया गया हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि 30 मार्च से पहले याचिकाकर्ता को यूनिवर्सिटी अथवा मूल्यांकनकर्ता से वसूल कर राशि दी जाए और इस मामले में विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दें कि उत्तर पुस्तिका में नंबर अंकित करना क्यों जरूरी नहीं हैं। 

दरअसल 2014-15 में दमयंती चोपड़ा ने बीएड की परीक्षा दी थी। उसने हिंदी टीचिंग मेथड का प्रश्न पत्र पूरा हल किया था लेकिन उसे सिर्फ 11 नंबर दिए गए रिओपनिंग कराने पर सिर्फ एक नंबर बढ़ाया गया। जबकि छात्रा का कहना था कि उसके इतने कम नंबर आ ही नहीं सकते आरटीआई के तहत जब कॉपी को निकलवाया गया तो छात्रा ने देखा कि उसकी कॉपी जांची ही नहीं गई है और ना ही उत्तर पुस्तिका में नंबर अंकित है सिर्फ टेबुलेशन चार्ट में उसके नाम के आगे 11 नंबर लिखे गए थे। 

छात्रा का कहना था कि उसे जानबूझकर फेल किया गया हैं। जिसके खिलाफ दमयंती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की हाई कोर्ट ने डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा को तलब किया लेकिन उन्होंने कहा कि नंबर अंकित करना वैल्यूएशन के वैल्यूअर के विवेक पर निर्भर करता हैं। जरूरी नहीं कि वह उत्तर पुस्तिका में नंबर अंकित करें वह चाहे तो सीधे टेबुलेशन चार्ट में भी नंबर अंकित कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ने आपत्ति की और उनसे 30 मार्च तक जवाब मांगा हैं। हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के गैर जिम्मेदाराना रवैया पर उस पर एक लाख रूपये की कॉस्ट लगाई है।