Loading...
अभी-अभी:

आवास योजना का घोटाला भाजपा सरकार के लिए बना मुसीबत का सबब, 269 लाख का घोटाला आया सामने

image

Oct 27, 2018

वरुण शर्मा - गरीबों के हिस्से की राशि का बंदरबांट कोई इस चांडाल चौकड़ी से सीखे, जिसने 269 लाख रुपए गटक लिए और डकार भी नहीं ली कहते हैं हराम का पैसा इतनी आसानी से हजम नहीं होता सो ऐसा ही इस चांडाल चौकड़ी के साथ भी हुआ। पार्षदों की शिकायत पर प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खुली तो 269 लाख के घोटाले की कलई खुल गई यह घोटाला चंडाल चौकड़ी यानि नगर परिषद अध्यक्ष राम सुशील पटेल, सीएमओ रमेश सिंह यादव, तत्कालीन सीएमओ अमर सिंह और कंसलटेंट अभिषेक पटेल ने किया चंडाल चौकड़ी ने बतौर पहली किश्त एक-एक लाख रुपए कथित हितग्राहियों के खाते में डालकर खुर्द-बुर्द कर दिया। इस बात की शिकायत पार्षदों ने की थी।

अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई

पार्षद विजय गुप्ता ने बताया कि परिषद में हम लोग पीएम आवास योजना के तहत शिकायत किए थे क्योंकि हम लोग के वार्डों में पात्र हितग्राहियों को छोड़कर अपात्रों को दिया गया चार पांच पार्षदों ने मिलकर हम लोगों ने शिकायत की थी। एसडीएम ने जांच की जांच में दो करोड़ 69 लाख की सत्यापित काफी कलेक्टर को दिया नगर परिषद अध्यक्ष, सीएमओ, वार्ड प्रभारी, कंसलटेंट अभिषेक पटेल द्वारा किया गया। कलेक्टर साहब को जांच प्रतिवेदन एसडीएम ने सौंप दिया अभी तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई।

दो करोड़ 69 लाख रुपये का घोटाला

नगर परिषद के उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने बताया नगर परिषद रामनगर की जो शिकायत हम लोगों ने की थी पीएम आवास को लेकर की थी पीएम आवास में 1708 आवास आए थे उसने हेराफेरी करके रिकार्डों में हेराफेरी करके नाम किसी दूसरे का है और पैसा किसी दूसरे के खाते में डाला गया, उसके जांच के संबंध में हम लोगों ने नगरीय प्रशासन, जेडी ऑफिस, एसडीएम कार्यालय सभी जगह सूचना दी उसके बाद जो जांच हुई है, एसडीएम साहब कहते हैं कि हमने वहां भेज दिया है मगर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई दो करोड़ 69 लाख रुपये 269 आवास जो यहां के है ही नहीं उन्हें दे दिया गया।

जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी के खिलाफ एफआईआर के निर्देश

शिकायत के बाद एसडीएम की अगुवाई में 3 सदस्यीय टीम ने जांच की तो मामले को सही पाया 3 सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार 12 हितग्रहियों के नाम में क्रॉस बनाकर उन्हें अपात्र किया गया 157 ऐसे नाम जोड़े गए जो कलेक्टर से अनुमोदित सूची से बाहर के नाम हैं 38 हितग्राहियों के नाम पहले से पक्के मकान बने हैं जिनको इस योजना का लाभ देने की साजिश रची गई 61 हितग्राही सरकारी जमीन पर मकान बनाने के बावजूद लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब हो गए। बाकी के शेष हितग्राहियों के नाम पर भी ऐसे घोटाला किया गया है जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी की हैसियत से रिपोर्ट नगर निगम के आयुक्त प्रवीण सिंह अढ़ायच को सौंपी गई जिन्होंने अपात्र हितग्राहियों से राशि वसूली और घोटाले में शामिल जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए हैं।

भोपाल के वरिष्ठ कार्यालय में की गई थी शिकायत

नगर निगम के कमिश्नर और मुख्य जांच अधिकारी प्रवीण सिंह अढ़ायच ने बताया कि आवास योजना को लेकर भोपाल के वरिष्ठ कार्यालय में हुई थी उस शिकायत के संदर्भ में 3 सदस्य कमेटी जिसमें एसडीएम, कार्यपालन यंत्री और नगर निगम से एक सहायक आयुक्त की जांच कमेटी बनाई गई थी कमेटी ने जांच में पाया कि लगभग 269 हितग्राही को इस चीज का गलत लाभ दिया गया है। उन सभी अपात्र हितग्राहियों से राशि की वसूली तथा जिन लोगों ने हितग्राहियों के चयन में भूमिका निभाई थी उनके खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं।