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इंदौरः वूमसं डे पर कैंसर विशेषज्ञों ने चलाया जागरूकता अभियान

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Mar 8, 2019

विकास सिंह सोलंकी- देश भर में कैंसर से 22 लाख से ज्यादा मरीज़ है। लगभग हर साल 7 साल मरीज़ बढ़ जाते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है । अकेले इंदौर शहर में ही कैंसर के लगभग 10 हजार मरीज़ हैं। जिसमें से 4 हजार महिलाएं हैं। शहर  के कैंसर विशेषज्ञों की टीम महिलाओं को वूमसं डे पर जनजागृत करने का अभियान चला रही है, ताकि वे इस बीमारी  से बच सके। उपरोक्त विचार जाने माने कैंसर विषेषज्ञ डॉ आलोक मोदी व सीएचल हॉस्पीटल के चेयरमेन श्री राजेष भार्गव ने वूमंस डे के मौके पर, आयोजित जनजागृति पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कैंसर के कारण हर साल 7 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह किसी भी बीमारी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या के लिए जिम्मेदार दूसरी सबसे बडी बीमारी है। 

अकेले इंदौर शहर में ही कैंसर के 10 हजार से ज्यादा मरीज़

कैंसर किस तेजी से फैल रहा है, इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले इंदौर शहर में ही कैंसर के 10 हजार से ज्यादा मरीज़ हैं। इनके 60 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। वर्तमान समय में फीमेल कैंसर डीसीज तेजी से फैल रही है। सामान्यत महिलाएं पुरुषों की तुलना में  अपने स्वास्थ्य पर कम ध्यान देती हैं। यही कारण है कि उनकी कैंसर की स्थिति का पता तब चलता है, जब वो काफी फैल चुका होता है। महिलाएं अगर जागृत हो तो महिलाओं के कैंसर शरीर के बाहरी हिस्से में होने से इसका पता जल्द चल जाता है और इनकी जांच भी काफी सस्ती होती है। महिलाओं में मुख्य रुप से होने वाले कैंसर में गर्भाशय के मुख्य द्वार का कैंसर होता है। 45 साल से  ज्यादा की उम्र में इस कैंसर के फैलने की संभावना काफी बढ जाती है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर ठीक होने का प्रतिशत ज्यादा

महिलाओं को चाहिए कि वे पेप स्मीयर की जांच जरुर करा लेना चाहिए। इसके साथ की ब्रेस्ट कैंसर भी महिलाओं में तेजी से फैल रहा है। इसका परीक्षण महिलाएं स्वयं कर सकती हैं। महिलाएं अपने हाथों से ब्रेस्ट को महसूस कर छोटी सी गांठ का भी पता लगा सकती हैं। शक होने पर मेमोग्राफी और एफएनएसी की जाती है। ये काफी सस्ते टेस्ट होते है और इनकी जांच रिर्पोट भी एक दिन में मिल जाती है। इसी तरह अंडाशय के कैंसर का पता कभी कभी देरी से लगता है। सामान्य सोनोग्राफी और सीए 125 की जांच से इसका पता लगाया जा सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर ठीक होने का प्रतिशत ज्यादा है।

सौ में से 70 महिलाए कैंसर की बीमारी से बच जाती हैं

सौ में से 70 महिलाए कैंसर की बीमारी से बच जाती हैं जबकि 100 में से केवल 50 पुरुष ही बच पाते हैं। महिला दिवस के मौके पर सीएचएल अस्पताल महिलाओं के लिए निशुल्क कैंसर परिक्षण शिविर का आयोजन कर रहा है। जिसमें सभी कैंसर रोग विशेषज्ञ अपनी निशुल्क सेवाए देंगे। इस निशुल्क शिविर का समय महिला दिवस 8 मार्च को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक है। इसके साथ ही कैंसर की जांच पर रियायत दी जाएगी। इस शिविर में कैंसर सर्जन रेडियाथेरेपिस्ट और कीमोथेरेपिस्ट शामिल होंगे।