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प्रदेशभर के स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क दवाएँ उपलब्ध कराने के निर्देश

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Feb 7, 2018

 
भोपाल : सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना में राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 250 से अधिक नि:शुल्क दवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह योजना वर्ष 2012 में प्रत्येक वर्ग के रोगियों को कम दामों पर निरंतर दवा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 1595 स्वास्थ्य केन्द्रों पर आरंभ की गई थी। चिकित्सालय में ओपीडी और भर्ती रोगियों को 24 घंटे सर्वाधिक उपयोग में आने वाले जेनेरिक दवाओं की व्यवस्था की गई है। चिकित्सकों को निर्देश दिये गये हैं कि दवा के स्टॉक में उपलब्ध न होने पर निकटतम वैकल्पिक दवा दें। सभी शासकीय चिकित्सकों को ईडीएल के तहत दवा लिखने के लिये कहा गया है।

गुणवत्ता परीक्षण

दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये औषधियों के हर बैच के साथ एनएबीएल से अनुमोदित प्रयोगशाला की रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। स्वास्थ्य संचालनालय ने एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से 410 औषधियाँ एवं सर्जिकल सूचर की गुणवत्ता जाँच के लिये अनुबंध किया है। शेष औषधियों एवं सूचर के लिये एनएबीएल से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से गुणवत्ता परीक्षण के लिये दर निर्धारण किये जाने की कार्यवाही मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भोपाल द्वारा की जा रही है।

निर्धारित न्यूनतम आवश्यक औषधियों की सूची

प्रत्येक स्वास्थ्य संस्था के लिये सर्वाधिक उपयोग में आने वाली न्यूनतम आवश्यक औषधियों की सूची जिलों में उपलब्ध करवाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओर सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक को न्यूनतम 250 से 300 औषधियाँ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं।

अनिवार्य औषधि सूची को पुनरीक्षित करने की प्रक्रिया

वर्ष 2016-17 में अनिवार्य औषधि सूची को पुनरीक्षित करने की प्रक्रिया विशेषज्ञों की सहायता से की गई। विभाग ने 456 औषधियों की अनिवार्य संशोधित औषधि सूची तैयार कर ली है।

एम.पी. औषधि सॉफ्टवेयर

कॉर्पोरेशन द्वारा सॉफ्टवेयर 'एम.पी. औषधि'' शुरू किया गया है। इसमें ड्रग इनवेन्ट्री कंट्रोल, जो पहले जिला चिकित्सालय तक सीमित था, उसे अब प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है।

स्थानीय क्रय की संशोधित व्यवस्था

प्रदेश में 100 जन-औषधि केन्द्र प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। केन्द्रों पर जेनेरिक दवाएँ कम दरों पर मिलेंगी। स्थानीय क्रय की निविदा में कम दरों पर जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध करवाने वाली कम्पनियों को प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया जायेगा।